scriptद्रव्यवती नदी सौंदर्यकरण: ड्रीम प्रोजेक्ट की अगले साल 15 अगस्त को लोकार्पण! | Dravyawati River Project: Will be inaugurated on 15 August 2018 | Patrika News

द्रव्यवती नदी सौंदर्यकरण: ड्रीम प्रोजेक्ट की अगले साल 15 अगस्त को लोकार्पण!

Published: Jul 14, 2017 12:57:00 pm

मुख्यमंत्री ने टाटा प्रोजेक्ट के एमडी को बुलाया, काम की मियाद एक माह घटाई, अब हर माह समीक्षा रिपोर्ट एमडी ही देंगे

dravyawati river project amani shah nala

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जयपुर। द्रव्यवती नदी सौन्दर्यन का काम अगले वर्ष अगस्त की बजाय जुलाई में ही पूरा होगा। सरकार की 15 अगस्त को इसका लोकार्पण करने की प्लानिंग है, इसीलिए कंपनी को काम एक माह पहले खत्म करना होगा। काम की विस्तृत प्लानिंग के लिए सीएम ने अनुबंधित कंपनी टाटा प्रोजेक्ट कंपनी के प्रबंध निदेशक को जयपुर बुलाया।

हैदराबाद से आए एमडी विनायक देशपांडे और जेडीए अधिकारियों के बीच पहले सुबह मंथन हुआ, इसके बाद जेडीसी और एमडी दोनों मुख्यमंत्री के पास पहुंचे। सीएम ने भी स्पष्ट कह दिया कि जुलाई तक काम पूरा होना चाहिए। खास यह है कि अब कंपनी के एमडी को हर माह जयपुर आना होगा। जेडीसी वैभव गालरिया ने कहा कि निर्धारित मियाद में काम तब ही पूरा हो सकता है, जब आप खुद मॉनिटरिंग करें। ऐसे में एमडी ही हर माह रिपोर्ट देंगे। अभी तक 349 करोड़ रुपए का काम हुआ है। जेडीए अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा रफ्तार नहीं बढ़ी तो तय मियाद में काम पूरा नहीं हो सकता।

चुनौतीः हर महीने 100 करोड़ के काम का टारगेट
सरकार ने जो मियाद निर्धारित की है, तब तक काम पूरा करना कंपनी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। अभी तक कंपनी ने हर माह औसतन 75—80 करोड़ रुपए काम काम किया है, लेकिन मानसून के दौरान इसकी गति मंद हो गई है। जुलाई और अगस्त में करीब 60—60 करोड़ रुपए के ही काम होने की बात कही जा रही है। ऐसे में कंपनी पर सितम्बर से हर माह 100 करोड़ रुपए का काम कराना ही होगा।

यहां आ रही अड़चन
अम्बाबाड़ी-हसनपुरा पुलिया के सैन्य क्षेत्र में काम करने की अनुमति अभी तक नहीं मिली है। जबकि, मुख्यमंत्री ने इस मामले में रक्षा मंत्री को पत्र लिखा था और सेना को जल्द अनुमति देने के निर्देश देने की जरूरत जताई गई थी। अजमेर रोड पर सुशीलपुरा पुलिया से हसनपुरा पुलिया के बीच 584 निर्माण निर्धारित चौड़ाई में आ रहे हैं। इन्हें हटाना चुनौती बना हुआ है। इसके लिए पिछले दिनों नगर निगम, जिला प्रशासन और प्रभावितों के बीच सोढाला थाने में बैठक भी हुई, जिसमें प्रभावितों ने पुनर्वास के तौर पर जेडीए की ओर से बनाए गए फ्लैट लेने पर रजामंदी जताई। इसके बाद ही 18 जुलाई को कैम्प लगाने का निर्णय किया गया। लेकिन अफसर इस कैम्प में सभी प्रभावितों के नहीं आने की आशंका जताई है। इस हिस्सा 2.7 किमी लम्बा है।
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