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SBI ने मांगी RBI से बेस रेट से सस्ता होम लोन देने की इजाजत

Published: Aug 21, 2015 08:19:00 pm

SBI ने बैंकिंग रेगुलेटर रिजर्व
बैंक ऑफ इंडिया RBI से बेस रेट से कम पर होम लोन लेने की इजाजत मांगी है

RBI Governor and SBI chief

RBI Governor and SBI chief

मुंबई। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने बैंकिंग रेगुलेटर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से बेस रेट से कम पर होम लोन लेने की इजाजत मांगी है। एसबीआई ने बेस रेट यानी वह रेट जिससे कम वह किसी को लोन नहीं बांट सकता, 9.70 प्रतिशत पर फिक्स किया गया है। यह लेडिंग बिजनेस में सबसे कम है।

एसबीआई की चेयनमैन अरूंधति भट्टाचार्य ने दूसरे एसबीआई बैंकिंग एंड इकनॉमिक कॉनक्लेव के दौरान आरबीआई गवर्नर के साथ बातचीत में इस बात का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि मकानों के रेडी स्टॉक के वास्ते लिमिटेड पीरियड के लिए एसबीआई को बेस रेट से कम पर लोन ऑफर करने की इजाजत दी जा सकती है। एसबीआई देश का सबसे बड़ा होम लोन प्रोवाइडर है। इसके पास लगभग 20 पसेंüट मार्केट शेयर है।

अरूंधति के इस सुझाव पर गवर्नर ने कहा, “मैं आपके सुझाव को कभी मना नहीं करूंगा। हम इस बारे में विचार करेंगे।” अरूंधति ने कहा कि 2008 में पहले साल के लिए 8 प्रतिशत और फिर अगले दो साल के लिए 8.5 प्रतिशत का फिक्स्ड रेट होम लोन ऑफर किया था। उस साल ग्लोबल क्राइसिस के चलते इंडियन इकनॉमी को बहुत नुकसान हुआ था।

अरूंधति का कहना है कि एसबीआई की इस स्कीम से इंडियन इकनॉमी में नई जान पड़ी। कुछ साल बाद इकनॉमिक सर्वे में इस स्कीम की सराहना की गई। लेकिन आरबीआई ने इस स्कीम पर यह कहकर रोक लगा दी कि यह टीजर लोन है जिसका मकसद उन कस्टमर्स को अट्रैक्ट करना है जिनके पास हो सकता है कि इंटरेस्ट रेट बढ़ने पर ऊंचे रेट पर रीपेमेंट करने की क्षमता नहीं हो।

अरूंधति ने कहा कि एसबीआई की 8 प्रतिशत वाली फिक्स्ड रेट होम लोन स्कीम को टीजर लोन करार नहीं दिया जा सकता क्योंकि एसबीआई के स्टेटमेंट में कस्टमर्स की पेमेंट कैपेसिटी का कहीं भी जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा, “मेरे सुझाव के पीछे यह दलील है कि मार्केट में अनबिके मकानों का स्टॉक है। कुछ मामलों में तो इतने अनबिके मकान हैं कि उनको क्लीयर होने में चार साल लग जाएंगे। इनमें से कुछ अंडर कंस्ट्रक्शन हो सकते हैं।”

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