नई दिल्ली। रियलटी बाजार में छाई सुस्ती के बावजूद डेवलपरों ने शुक्रवार को साफ कह दिया कि फिलहाल वे दाम घटाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। रियल स्टेट ऎसोसिएशन क्रेडाई ने कहा कि मकान की कीमतें कम करने की कोई गुंजाइश नहीं है। राजन के बयान पर क्रेडाई ने कहा कि यह कहना उचित है कि देश भर में रियल्टी के दाम में खासी गिरावट पहले ही आ चुकी है और कीमत में अब किसी भी तरह की गिरावट से इस क्षेत्र की वृद्धि पर असर पड़ेगा। यह क्षेत्र बड़ी संख्या में रोजगार सृजन करता है और अर्थव्यस्था में योगदान भी करता है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन की यह सलाह आने के एक दिन बाद शुक्रवार को क्रेडाई का यह बयान आया है जिसमें उन्होंने अनबिके मकानों के बढ़ते स्टॉक से निपटने के लिए रीयल्टी कंपनियों को कीमतें घटाने को कहा था। कॉन्फेडरेशन ऑफ रीयल एस्टेट डिवेलपर्स असोसिएशंस ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के अध्यक्ष गीतांबर आनंद ने कहा, “हम रीयल एस्टेट क्षेत्र में तेजी लाने को लेकर रिजर्व बैंक के गवर्नर की चिंता का सम्मान करते हैं। यह कहना बुद्धिमानी भरा होगा कि कंपनियों की तरफ से देश भर में कीमतों में उल्लेखनीय कमी पहले ही की जा चुकी है।”
उन्होंने कहा, “बिक्री मूल्य में और कमी का मतलब डिवेलपर के जेब से पैसा खर्च होना है और यह उस उद्योग के ताबूत में अंतिम कील लगाने जैसा होगा जिसका अर्थव्यवस्था और रोजगार में काफी योगदान है।” आनंद ने कहा कि पिछले दो सालो में देश भर में मकान की कीमतों में औसतन 15 से 20 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं, कच्चे माल की लागत 15 से 20 प्रतिशत बढ़ी है। उन्होंने मांग को गति देने के लिए आवास ऋण पर ब्याज दर के साथ कर में कमी करने की मांग की।