जमीनी अमला बन रहा उदासीन उपखण्ड स्वास्थ्य विभाग द्वारा नसबंदी में पाई गई सफलता में पुरूषों का प्रतिशत सबसे कम रहा। परिवार नियोजन को प्रेरित करने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को भी लक्ष्य दिया जाता है। बावजूद लक्ष्य की पूर्ति नहीं हो पाती है। वहीं शासन इसके लिए लाखों के खर्च कर रैली, स्वास्थ्य रथ, अमला वाहन, सहित अन्य प्रचार प्रसार की जरूरतों को पूरा करता है। विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि विभागीय स्तर पर 70 प्रतिशत का लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन इससे अधिक की प्राप्ति के लिए इसमें अन्य विभागीय स्तर का सहयोग आवश्यक है। इनमें ग्रामीण स्तर के पंचायत सचिव, पटवारी, आरआई का सहयोग आवश्यक है। ये कर्मचारी मैदानी स्तर पर ग्रामीणों को इसके लिए प्रेरक का काम करते हैं, जो नहीं मिल पाया।
लक्ष्य रहे अधूरे जनसंख्या स्थिरीकरण एवं ‘छोटा परिवार सुख का आधारÓ के संकल्प को जन- जन तक पहुंचाने के लिए ग्राम पंचायतों पर नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया है। इसके बावजूद लक्ष्यों की प्राप्ति नहीं हो पाई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मीना बड़ौदा लक्ष्यों के मामले में काफी पीछे चल रहा है। वहीं सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र वजीरपुर व पीलोदा के भी बुरे हाल हैं।
समय शेष है परिवार कल्याण के शेष बच रहे लक्ष्यों को समय रहते पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए सीएचसी व पीएचसी प्रभारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। डॉ. एसडी शर्मा, ब्लॉक सीएमएचओ, गंगापुरसिटी