रविवार को दाभोलकर हत्याकांड में गिरफ्तार सचिन आंदुरे की पेशी के दौरान जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि उसके पास से बरामद हथियार का इस्तेमाल गौरी की हत्या के लिए भी किया गया था। साथ ही सचिन का गौरी की हत्या में शामिल आरोपियों से भी संबंध रहा है।
सचिन को महाराष्ट्र के आंतकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने १९ अगस्त को पुणे से गिरफ्तार किया था और बाद में उसे दाभोलकर मामले की जांच कर रही सीबीआइ को सौंप दिया गया था। अदालत में पेश की गई रिमांड अर्जी में सीबीआइ ने कहा कि पूछताछ के दौरान सचिन ने इस बात का खुलासा किया कि गौरी हत्याकांड में शामिल रहे एक आरोपी ने उसे ७.६५ एमएम की देशी पिस्तौल और तीन गोलियां दी थीं। बाद में उसने इसे अपने बहनोई शुभम सुर्ले को दी थी। सचिन का नाम मुंबई के नालासोपारा से एक अन्य मामले में गिरफ्तार शरद कलासकर ने पूछताछ के दौरान लिया था।
महाराष्ट्र एटीएस ने तैयार किया नया डोजियर
महाराष्ट्र एटीएस ने नया डोजियर तैयार किया है। इसके तहत सनातन संस्था पर बैन लगाया जा सकेगा और महाराष्ट्र एटीएस जल्द ही अपने नए डोजियर से सरकार को अवगत कराएगी। इससे पूर्व में भी केंद्र सरकार को दो बार डोजयर भेजा जा चुका है। डोजियर में अलग-अलग हिंदू संस्थाओं का जिक्र किया गया है, जो रेडिकल ग्रुप्स हैं और जिनकी तरफ से पुणे, मुंबई, सतारा, सांगली और सोलापुर में धमाके की साजिश की गई थी। सन 2011 में पूर्व एटीएस चीफ राकेश मारिया और पूर्व एटीएस चीफ हिंमाशु राय के निर्देशन में पहले भी दो बार डोजियर तैयार किए जा चुके हैं।