एमआयडी बंद हो रहे है इसलिए रास्तों पर आधारित उद्योग विकसित होंगे यह धारणा गलत है। समृद्धि महामार्ग में ढाबे और डांस बार ही खुलेंगे। इसी तरह जलयुक्त शिवार योजना को उन्होंने बोगस योजना करार दिया। देसरडा के मुताबिक इस योजना के तहत पिछले तीन वर्ष में 16 हजार गांवो में पांच लाख से अधिक काम किए गए जिसके लिए 11 हजार करोड़ रूपए खर्च किया गया।
इन कामों की वजह से 22 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता बढ़ने का दावा सरकार द्वारा किया जा रहा है। इस वर्ष बारिश न होने की वजह से अकाल की स्थिति आई है तो इस योजना के तहत किए गए कामों का क्या फायदा निकला। ये योजना बोगस है अगर इसे बीजेपी की भाषा में कहे तो एक महाजुमला है। राज्य में पानी की भीषण समस्या है। किसानों की हालात बेहद चिंताजनक है। ये स्थिति सरकार की गलत नीतियों की वजह से पैदा हुई है। बीते 60 वर्षो में तीन लाख करोड़ से अधिक सिंचन के लिए खर्च किया गया। इसके बावजूद एक वर्ष पानी न गिरे तो सूखे की स्थिति आ जाती है।