ज्ञात हो कि आयोग के अध्यक्ष के समक्ष दायर एक अर्जी में शिवसेना, बीजेपी, वंचित बहुजन आघाड़ी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के राज्य प्रमुखों और महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस चीफ को समन जारी करने का निर्देश देने की मांग हुई थी। जिसके बाद इस अर्जी को स्वीकार किया गया और समन जारी हुआ है। इस मामले में ये लोग खुद आयोग के समक्ष पेश हो सकते हैं या फिर उनका कोई प्रतिनिधी पेश हो सकता है। आयोग के समक्ष इन्हें अपना बयान भी दर्ज कराना है।
यह भी पढ़ें
महाराष्ट्र्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर कसा तंज, बोले-झूठ बोलना हमारा हिंदुत्व नहीं
आयोग ने कहा कि 30 जून से पहले दफ्तर में एक हलफनामा भी दाखिल करें। इससे पहले एनसीपी चीफ शरद पवार ने कोरेगांव-भीमा जांच योग के समक्ष एक हलफनामा दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि पुणे जिले में एक युद्ध स्मारक पर जनवरी 2018 में हुई हिंसा के मामले में उनके पास किसी राजनीतिक एजेंडे के विरुद्ध कोई आरोप नहीं है। 11 अप्रैल को पवार ने जांच आयोग के समक्ष एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया था। जबकि आठ अक्टूबर 2018 को भी एक हलफनामा दिया था।