scriptनागपुर मेट्रो की अपनी पहली दो मेट्रो ट्रेन चाइना के सीआरआरसी से रवाना | Nagpur Metro's first two metro trains depart from China's CRRC | Patrika News

नागपुर मेट्रो की अपनी पहली दो मेट्रो ट्रेन चाइना के सीआरआरसी से रवाना

locationपुणेPublished: Nov 26, 2018 08:00:06 pm

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Prateek

चाइना से निकलकर जलमार्ग से यह ट्रेन भारत में सबसे पहले चेन्नई पहुँचेगी वहाँ से सड़क मार्ग से इसे नागपुर लाया जायेगा…

nagpur metro trian file photo

nagpur metro trian file photo

(नागपुर,पुणे): नागपुर मेट्रो के लिए चाइना में सीआरआरसी,डालियन के प्लांट में तैयार हो रही मेट्रो रेल की पहली खेप रवाना हुई। इस मौके पर खुद मेट्रो के प्रबंध निदेशक बृजेश दीक्षित और निदेशक (रोलिंग एंड स्टॉक) सुनील माथुर चाइना में मौजूद थे। पहली खेप के तौर पर दो पूरी ट्रेन नागपुर भेजी जा रही है। चाइना से निकलकर जलमार्ग से यह ट्रेन भारत में सबसे पहले चेन्नई पहुँचेगी वहाँ से सड़क मार्ग से इसे नागपुर लाया जायेगा। पूरी तरह सीआरआरसी के चाइना स्थित प्लांट में तैयार यह ट्रेन दिसंबर मध्य में नागपुर पहुँचेगी। नागपुर मेट्रो परियोजना के तहत 23 ट्रेन यानि की कुल 69 कोच की आवश्यकता है जिसका निर्माण इसी प्लांट में किया जा रहा है। इस मौके पर सीआरआरसी,डालियन के प्लांट और नागपुर मेट्रो के अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से जोड़ा गया था।

 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से नागपुर में मीडिया से संवाद करते हुए बृजेश दीक्षित ने बताया कि यह अवसर परियोजना के लिए बेहद खास है। उन्होंने कहा की अत्याधुनिक मेट्रो ट्रेन का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। सभी 23 ट्रेन जुलाई 2019 के अंत तक नागपुर पहुँच जाएगी। इस दिन का मेट्रो के अधिकारियों को बेसब्री से इंतज़ार था। मै सीआरआरसी और नागपुर मेट्रो के साथियों को बधाई देता हूँ। दीक्षित ने सीआरआरसी कर्मचारियों और अधिकारियों को उसके कुशल प्रबंधन और कामकाज की प्रशंसा भी की।


एक कोच की कीमत 8.2 कारोड़

इस अवसर पर नागपुर में एनएमआरसीएल के कार्यकारी प्रबंधक ( रोलिंग एंड स्टॉक ) जनक कुमार गर्ग ने बताया कि एक कोच की कीमत लगभग 8.2 करोड़ रूपए की है जो देश में अब तक इस्तेमाल हो रही किसी भी मेट्रो कोच के मुकाबले सस्ती है। नागपुर मेट्रो के लिए विशेष तौर पर सीआरआरसी द्वारा तैयार किये गए कोच 25 हजार वॉल्ट क्षमता पर चलेंगे। इसका एक्सल लोड ( सतही हिस्सा ) 16 तन है अब तक भारत में 17 टन एक्सल लोड वाले मेट्रो कोच है। सिर्फ एक टन की वजह से प्रोजेक्ट कॉस्ट काफी कम हो जाती है। यह प्रयोग देश में पहली मर्तबा नागपुर मेट्रो में किया जा रहा है। कोच में लगभग 3 हजार कम्पोनेंट लगे है जिसमे कुछ हिस्सा भारत निर्मित है। ट्रेन की डिजाईन जर्मनी की है जबकि पोटोग्राफ ( ट्रेन को इलेक्ट्रिक सप्लाई से जोड़ने वाला यंत्र ) भारत निर्मित है। कम्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम जर्मनी में बना है जबकि ट्रेन कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम जापान की तकनीक पर आधारित है। ट्रेन के डिब्बों को आपस में जोड़ने के लिए कपलिंग और डी कपलिंग सिस्टम स्वीडन की तकनीक पर आधारित है। मेट्रो के कोच को नागपुर की परिस्थितों के अनुसार तैयार किया गया है जिसमे यात्रियों की सुविधाओं का खास ध्यान रखा गया है।

 

कोच में रहेगी यह व्यवस्था

कोच में खिड़कियाँ अन्य मेट्रो कोच के अनुमान से अधिक बड़ी रखी गई है ताकि यात्री यात्रा के दौरान ट्रेन से बाहर का नजारा आसानी से देख सके। ट्रेन में रिजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम लगा है जिससे ऊर्जा की बचत होगी। ट्रेन में प्लग टाइप डोर होंगे। ट्रेन के भीतर कोच में फ्री वाईफाई,लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था होगी।


सीआरआरसी,डालियन के प्लांट से ब्रजेश दीक्षित ने मेट्रो परियोजना के अधिकारियों और मीडिया से भी बातचीत की। जिस वक्त फैक्ट्री के भीतर से ट्रेन को पटरी पर सरकते हुए भारत भेजने की औपचारिक शुरुवात की गई नागपुर में कॉन्फ्रेंस रूम में बैठे मेट्रो के अधिकारी और कर्मचारियों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। नागपुर से ही उपस्थितों ने तैयार हुई ट्रेन के भीतर का नज़ारा भी लाईव आ रहे वीडियो फीड के माध्यम से देखा। इस अवसर पर मेट्रो के निदेशक( वित्त) एस शिवनाथन ,महाप्रबंधक (प्रशासन) अनिल कोकाटे के साथ मेट्रो के अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

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