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Pune Auto Rickshaw Fare Hike: पुणे में 1 सितंबर से ऑटोरिक्शा किराए में होगी 4 रुपये की बढ़ोतरी, आम आदमी को लगेगा एक और झटका

Pune Auto Rickshaw Fare Hike: महाराष्ट्र के पुणे में रिक्शा चालकों द्वारा की गई मांगों को लेकर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण ने हाल ही में रिक्शा चालकों के किराए में वृद्धि के संबंध में आदेश जारी किए हैं। इससे आम आदमी को एक और झटका लगेगा।

पुणेAug 27, 2022 / 08:58 pm

Siddharth

CNG के दाम बढ़ते ही मुंबई में ऑटो-टैक्सी यूनियन ने की किराए में बढ़ोतरी की मांग

महाराष्ट्र के पुणे में लोगों के लिए एक अहम खबर सामने आ रही है। पुणे रिक्शा चालकों द्वारा की गई मांगों को लेकर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण ने हाल ही में रिक्शा चालकों के किराए में वृद्धि के संबंध में आदेश जारी किए हैं। इसके मुताबिक अब रिक्शा चालक चार रुपये किराया बढ़ाने का फैसला किया हैं। इस खबर के बाद रिक्शा चालकों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है। रिक्शा चालकों के लिए यह किराया वृद्धि 1 सितंबर से लागू होगी और अब नागरिकों को एक किलोमीटर के लिए 25 रुपये किराया देना पड़ेगा। इसके बाद हर किलोमीटर के लिए 17 रुपये लिए जाएंगे।
मिली जानकारी के मुताबिक, पहले लोगों को 21 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से पैसे देने पड़ते थे। तब उससे आगे हर किलोमीटर के लिए 14 रुपये का किराया अनिवार्य था। इस बीच, किराया संशोधन उन्हीं ऑटोरिक्शा मालिकों के लिए लागू होगा जो 1 सितंबर से अपने मीटर का पुन: सत्यापन करवाएंगे।
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बता दें कि मीटर सत्यापन की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर है। निर्धारित अवधि के भीतर मीटर कैलिब्रेशन नहीं करने वाले ऑटोरिक्शा मालिक 1 से 40 दिनों के लिए लाइसेंस निलंबन या कम से कम 50 से 2 हजार रुपये के जुर्माने के अधीन होंगे। दूसरी तरफ मुंबई में टैक्सी ड्राइवरों और ऑटोरिक्शा चालकों ने भी किराए में वृद्धि की मांग की है। फिलहाल टैक्सी का न्यूनतम किराया 25 रुपये है। टैक्सी यूनियन ने मांग की है कि इसे 10 रुपये बढ़ाकर 35 रुपये किया जाए।
ऐसा नहीं करने पर उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि टैक्सी चालक (मुंबई टैक्सी) और ऑटोरिक्शा चालक 15 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस मामले को सुलझाने के लिए रिक्शा टैक्सी यूनियन और सरकार के बीच कई बार बैठक हो चुकी है। कई बैठक होने के बाद भी सरकार सिर्फ वादा करती है, कोई समाधान नहीं निकालती है, इसलिए रिक्शा टैक्सी यूनियन ने चेतावनी दी है कि वह इस बार विरोध करेगी। इस वजह से अगर सरकार जल्द ही इस मामले का कोई समाधान नहीं करती है तो आम मुंबईवासियों को 15 सितंबर से इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
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