scriptवर्धा: सेना डिपो में विस्फोट में छह लोगों की मौत,पुराना विस्फोटक नष्ट करने के दौरान हुआ हादसा | Six people killed in wardha Army Depot blast | Patrika News

वर्धा: सेना डिपो में विस्फोट में छह लोगों की मौत,पुराना विस्फोटक नष्ट करने के दौरान हुआ हादसा

locationपुणेPublished: Nov 20, 2018 03:06:39 pm

Submitted by:

Prateek

बताया जा रहा है कि जबलपुर के खमरिया आर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारी वर्धा के पुलगांव बम डेमोलिशन रेंज में पुरानी विस्फोटक सामग्री नष्ट करने आए थे…

wardha army camp

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(नागपुर,पुणे): महाराष्ट्र के वर्धा स्थित पुलगांव सेना डिपो में मंगलवार सात बजे विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई और 10 लोगों घायल हो गए। विस्फोट की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।


सेना डिपो में यह हादसा पुराना विस्फोटक नष्ट करने के दौरान हुआ। बताया जा रहा है कि जबलपुर के खमरिया आर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारी वर्धा के पुलगांव बम डेमोलिशन रेंज में पुरानी विस्फोटक सामग्री नष्ट करने आए थे। मृतकों में आयुध डिपो के कर्मचारी और मजदूर शामिल हैं। वर्धा के एएसपी निखिल पिंगले ने बताया कि हादसे के वक्त मौके पर करीब 10 से 15 मजदूर कार्यरत थे।


उन्होंने बताया, ‘हादसा खुली जगह पर हुआ है। विस्फोटक उतारते हुए विस्फोटक से भरे एक बक्से में विस्फोट हुआ। ‘नागपुर रेंज के आईजी केएमएम प्रसन्ना ने बताया कि चार लोगों की मौत मौके पर हो गई, जबकि दो लोगों ने अस्पताल में ईलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जख्मी लोगों को सवांगी गांव में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।


उन्होने बताया कि पुलगांव स्थित केन्द्रीय आयुध डिपो का डिमोलिशन ग्राउंड इस (डिमोलिशन) कार्य के लिए खमरिया स्थित आयुध फैक्टरी को दिया हुआ है। धमाका बम निष्क्रिय करने वाले विभाग में हुआ। धमाका इतना तेज था कि आसपास के इलाके के लोग इसकी भयंकर आवाज से सदमे में आ गए। बम को निष्क्रिय करने के लिए सहायक के रूप में उपयोग में लिए जाने वाले ठेकेदार के निर्दोष मजदूरों की धमाके में बलि चढ़ गई।


डिफेंस के बेहद गोपनीय तथा जोखिम भरे काम के लिए जानकार तथा प्रशिक्षण पाए हुए लोगों को ही उपयोग में लिया जाना थां वहीं कम पढ़े-लिखे मजदूरों से यह काम कराया जा रहा था। प्रशिक्षण के बिना कि बम निष्क्रिय करने के कारण मजदूरों की जान चली गई।


रक्षा विभाग के पीआरओ ने बताया कि मजदूरों को केवल बम को निष्क्रिय करने वाले गड्ढे बनाने तथा उन पर मिट्टी डालने के कामके लिए नियुक्त किया था। उन्होंने कहा रक्षा विभाग के विशेषज्ञ ही धमाके की वजह स्पष्टकर पाएंगे। उल्लेखनीय है कि 2 वर्ष पूर्व भी पुलगांव कि इसी डिफेंस फैक्ट्री में बम धमाके में 10 से 12 लोगों की मौत हो चुकी है । इतना ही नहीं उस धमाके में आसपास रहने वाले स्थानीय नागरिकों के कान के परदे तक फट गए थे ।

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