scriptनवरात्रि के शुरुआत होते ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की दिखी भीड़, लेकिन सरकार के नियमों का करना होगा पालन | At the beginning of Navratri, there was a crowd of devotees in the temples, but the rules of the government have to be followed. | Patrika News

नवरात्रि के शुरुआत होते ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की दिखी भीड़, लेकिन सरकार के नियमों का करना होगा पालन

locationरायबरेलीPublished: Oct 17, 2020 05:28:51 pm

Submitted by:

Madhav Singh

नवरात्रि के शुरुआत होते ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की दिखी भीड़, लेकिन सरकार के नियमों का करना होगा पालन

नवरात्रि के शुरुआत होते ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की दिखी भीड़, लेकिन सरकार के नियमों का करना होगा पालन

नवरात्रि के शुरुआत होते ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की दिखी भीड़, लेकिन सरकार के नियमों का करना होगा पालन

रायबरेली . आज से देश मे नवरात्रि का प्रारंभ हो गया है।इस बार की नवरात्रि का विशेष महत्व है क्योंकि इस बार पूरे नौ दिन देवी की पूजा की जाएगी। नवरात्रि का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। जिले के कई मंदिरों में आज सुबह से ही पट खुल गए थे,लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को नहीं मिली । शहर के मंशा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है लेकिन इस बार कोरोना के चलते श्रद्धालुओं को कुछ नियम कायदों के चलते मायूस होना पड़ रहा है।फिलहाल फिर भी श्रद्धालु मंदिर में मां के दर्शन व पूजा अर्चना के लिए पहुच रहे है।
मंदिरों में अभी भी दिख रहा है कोविड-19 का असर

शहर के मंशादेवी का यह मंदिर रेलवे स्टेशन मार्ग पर है जंहा आम दिनों भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती थी।लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते जिला प्रशासन के नियम कायदों के चलते मां की पूजा अर्चना की अनुमति मिली है।जिसमे कुछ नियम भी बनाये गए है।अगरबत्ती धूपबत्ती जलाना,नारियल तोड़ना,भीड़ लगाना मना है।इस वजह से मंदिर में श्रद्धालुओं की कमी साफ देखी जा सकती है।
मंदिर के पास लगी दुकानों के दुकानदारों ने बताया

वही मंदिर के आस पास फूलमाला व प्रसाद की दुकानें खोले दुकानदारों की माने तो इस बार पीछले साल की अपेक्षा बहुत कम श्रद्धालु आ रहे है।जिस वजह से नवरात्रि का उत्सव फीका पड़ गया है। साथी दुकानदारी भी नहीं हो पा रही है कोरोना काल में थोड़ी बहुत जो पूंजी जुटाई थी वह लॉक डाउन में खर्च हो गई थी। सोचा था कि आगे चलकर कुछ कमा लेंगे,लेकिन वह भी मुमकिन होते नहीं दिख रहा है। आगे ईश्वर जाने कैसे घर के बच्चों को पाल पाएंगे।
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