कमला नेहरू ट्रस्ट की जमीन पर अवैध दुकानों व मकानों पर चला प्रशासन का बुलडोजर
- जिला प्रशासन ने अवैध रूप से काबिज लोगों को पहले दे दिया था नोटिस

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
रायबरेली. शहर कोतवाली क्षेत्र के लखनऊ-प्रयागराज एनच-30 स्थित सिविल लाइन चौराहा के बहुचर्चित करोड़ों की फर्जी कमला नेहरू ट्रस्ट नाम से दर्ज जमीन विवाद मामले को लेकर जिला प्रशासन ने अवैध रूप से कब्जा जमाए लोगों की दुकानों और मकान पर बुलडोजर चला दिया। सरकारी जमीन पर फर्जी तरीके से कब्जा जमाए लोगों से जमीन को सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने खाली करवाने के आदेश कई महीने पहले ही दिए थे।
कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने अवैध रूप से काबिज लोगों को पहले नोटिस दिया। फिर उनकी बिजली काटी गई, लेकिन उसके बाद भी जमीन खाली नहीं हो पाई थी। कोर्ट के आदेश का पालन करने के दबाव में जिला प्रशासन मंगलवार रात से तैयारी कर रहा था और बुधवार सुबह उसके बुलडोजर अवैध अतिक्रमण करने वालों पर गरजने लगे। अतिक्रमण हटाने से पहले कूछ उपद्रवियों ने पुलिस के ऊपर पथराव किए जिसके जवाब में पुलिस ने लाठियां चटकाई, लेकिन इन सबके दौरान जेसीबी और बुलडोजर चलते रहे।
रायबरेली शहर कोतवाली के लखनऊ-प्रयागराज एनएच 30 पर फर्जी कमला नेहरू ट्रस्ट के नाम पर दर्ज करोड़ों की बेशकीमती जमीन पर दशकों से सवा सौ परिवार काबिज हो कर अपना जीवन यापन कर रहे थे। एनच स्थिति इस बेशकीमती जमीन पर जिले के राजनीतिज्ञों की नजर पड़ी तो लोगों को पता चला कि यह जमीन कमला नेहरू ट्रस्ट की है। मामला कोर्ट में गया तो वहां पर कोर्ट ने अवैध रूप से कब्जा जमाये लोगों के कब्जे से सरकारी जमीन को खाली करवाने के आदेश दिए। दशकों से जमे लोगों के कब्जे को छुड़वाने में प्रशासन लगातार कोशिश करता रहा, लेकिन सफल नहीं हो पाया।
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