लखनऊ। रायबरेली जिले की सरेनी विधानसभा सीट कांग्रेस की थी। यहां से लगातार कांग्रेस के प्रत्याशी जीता करते थे लेकिन 1991 में भाजपा ने कांग्रेस के विजय रथ को रोक दिया। लगातार दो बार भाजपा को विजय मिली।1996 में सपा ने भाजपा को हराया और लगातार दो बार सीट पर जीत दर्ज की। 2007 में फिर कांग्रेस सत्ता में आई लेकिन 2012 में सपा को दोबारा विजय मिली। लेकिन यहां से बसपा का कभी खाता नहीं खुला। इस सीट से महिला प्रत्याशी को भी जीत मिल चुकी है। आंकड़े बोलते हैं रायबरेली विधान सभा सरेनी : 180 पुरुष वोटर -172179 महिला वोटर-143086 योग वोटर-315265 वोटर प्रतिषत-59.16 ये क्षेत्र बनाते व बिगाड़ते हैं समीकरण अधिक मतदाता समोधा 1017, रसुलपुर 1093, मुरारमऊ1112, कहिजर 1215, लखनापुर 1216, सेमरपहा 1316 प्रेमचक 1395 और धूरेमऊ 1483 में सबसे अधिक मतदाता है। कम मतदाता डलमऊ 412, सुरजुपुर 489, मददू परुर में 550 उबरनी 630, तेरुखा 638, हींगामऊ 704 और जमुवावा में 763 मतदाता है। प्रमुख क्षेत्र समोधा, रामखेडा, कुशलखेडा, पीथूपुर, हुल्लापुर, मुरारपुर, भोजपुर, गहरौली, जगन्नाथपुर, पहुरी, बेहटा, रालपुर, लालूमऊ,सूदनखेडा आदि प्रमुख क्षेत्र है। सपा तीन बार रही विजेता समाजवादी पार्टी ने 1962 से 2012 तक के चुनाव में तीन बार अपनी जीत हासिल की है। 1996 में समाजवादी पार्टी के अशोक कुमार सिंह ने 47863 वोट पाकर बीजेपी के गिरीश नारायण पाण्डेय को हराया था। 2002 में समाजवादी पार्टी के देवेन्द्रप्रताप सिंह ने 32837 वोट जीत कर कांग्रेस के अशोक कुमार सिंह को हराया था। 2012 वर्तमान में समाजवादी पार्टी के विधायक देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बहुजन समाजवादी पार्टी के सुशील कुमार को हराया था। सुनिता ने किया था प्रतिनिधित्व यहां से कांग्रेस ने दो बार महिला प्रत्यासी श्रीमती सुनीता सिंह चैहान को 1977,1980 मैदान में उतारा और उन्होने जीत भी हासिल की। रिपोर्ट: माधव सिंह/ संतोष कुमार पांडेय