रायबरेली के ज्योतिषाचार्य पंडित अमित वाशिमकर के मुताबिक इस बार का धनतेरस लोगों को काफी लाभ पहुंचाने वाला है। क्योंकि, इस बार 19 साल बाद पांच शुभ योग बन रहे हैं, जो लोगों को फायदा पहुंचाएगा। पं. अमित वाशिमकर के अनुसार इस योग में शुभ कार्य, लेन-देन, खरीदारी शुभ माना जाता है। #Dhanteras2017 धनतेरस पर शाम के समय प्रदोष काल (सांय कालीन पूजा के बाद) ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन, बाइक, फोर व्हीलर और लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा का खरीदारी का विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस बार धनतेरस व प्रदोष का एक साथ होना अति शुभ है।
इस मुहूत में करें पूजा धनतेरस पर पूजा का समय: 19.32 शाम से रात 8.18 बजे तक
प्रदोष काल: शाम 5.40 से रात 8.18 बजे तक
वृषभ काल: शाम 7.32 से रात 9.33 बजे तक
प्रदोष काल: शाम 5.40 से रात 8.18 बजे तक
वृषभ काल: शाम 7.32 से रात 9.33 बजे तक
प्रदोषकाल के दौरान लक्ष्मी पूजा करना लाभदायक 17 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि दोपहर 12.26 मिनट पर शुरू होगी।
18 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि सुबह 8 बजे खत्म होगी।
सूर्योदय के बाद शुरू होने वाले प्रदोषकाल के दौरान लक्ष्मी पूजा करना लाभदायक होगा।
18 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि सुबह 8 बजे खत्म होगी।
सूर्योदय के बाद शुरू होने वाले प्रदोषकाल के दौरान लक्ष्मी पूजा करना लाभदायक होगा।
कैसे करें धनतेरस की पूजा – सबसे पहले मिट्टी का हाथी और धन्वंतरि भगवान जी की फोटो स्थापित करें।
– चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें।
– भगवान गणेश का ध्यान और पूजन करें।
– हाथ में अक्षत, पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें।
– चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें।
– भगवान गणेश का ध्यान और पूजन करें।
– हाथ में अक्षत, पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें।
बन रहे हैं ये पांच योग – चंद्रमा-मंगल की कन्या राशि में युति रहने पर लक्ष्मी योग बनेगा।
– सूर्य और बुध के भी इसी राशि में रहने बुधादित्य योग रहेगा।
– रात में सूर्य के राशि परिवर्तन करने से तुला संक्रांति योग बनेगा।
– धरतेरस के दिन सूर्योदय से सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
– शाम को प्रदोष रहेगा। शाम को पूजा करने से सभी दोष दूर होंगे।
– सूर्य और बुध के भी इसी राशि में रहने बुधादित्य योग रहेगा।
– रात में सूर्य के राशि परिवर्तन करने से तुला संक्रांति योग बनेगा।
– धरतेरस के दिन सूर्योदय से सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
– शाम को प्रदोष रहेगा। शाम को पूजा करने से सभी दोष दूर होंगे।