मामला नगर के सरकारी अस्पताल के सामने स्थित कृषक सेवा केंद्र का है। यहाँ पर क्षेत्र मे बड़ी संख्या मे किसानो को धान का बीज तीन सौ रुपये किलो के दर पर बेंचा गया है बीज देते समय किसानो से कहा गया कि यह उच्च स्तर का बीज है , इसमे आधी सब्सिडी किसानो के खाते मे आएगी। उसके बाद अब किसानो को फोन करके यह बताया जा रहा है कि सब्सिडी नहीं मिल पाएगी। सब्सिडी न मिलने की सूचना मिलते ही किसानो मे हलचल मच गयी , और शनिवार को सेवा केंद्र पर पहुँचकर एक किसान ने हँगामा खड़ा कर दिया। किसान का आरोप है कि उसे जो बीज दिया गया है , वह निजी कंपनी का है, और केंद्र प्रभारी ने निजी कंपनी से सांठगांठ करके उनको बीज दिया है। अब कहा जा रहा कि सब्सिडी नहीं मिल पाएगी। इस बारे मे जब केंद्र प्रभारी प्रवेश कुमार से संपर्क किया गया तो बताया कि वह जिला मुख्यालय मे बैठक मे है । जबकि केंद्र पर मौजूद विषय वस्तु विशेषज्ञ लक्ष्मी नारायण शर्मा ने बताया कि केंद्र से केवल सरकारी बीज दिया जा रहा है, और 300 रुपये किलो का कोई भी धान का बीज केंद्र मे नहीं है। जबकि पीड़ित किसान गोपापुर गाँव निवासी अखिलेश विश्वकर्मा का आरोप है कि उनको इसी केंद्र से गेहूं दिया गया है , और उसकी रसीद भी दी गयी है, जो निजी कंपनी की है , जबकि उसमे केंद्र प्रभारी ने हस्ताक्षर किए है।