scriptयूूरिया की किल्लत से परेशान किसान, यहां वसूले जा रहे अधिक दाम | Farmers unable to buy urea in Raebareli | Patrika News
रायबरेली

यूूरिया की किल्लत से परेशान किसान, यहां वसूले जा रहे अधिक दाम

क्षेत्र की मात्र दो साधन सहकारी समिति खीरों और पाहो को छोड़ कर शेष भीतर गांव, दोण्डेपुर, खांडेपुर आदि आठ सहकारी समितियों में यूरिया उपलब्ध ही नहीं है.

रायबरेलीSep 29, 2020 / 09:21 pm

Abhishek Gupta

dap-urea

dap-urea

रायबरेली. सरकार कितने भी लोक लुभावन सपने दिखाए, कोरे वादों के ढिंढोरे पीटे, लेकिन वर्तमान समय में सबसे लाचारी और जिल्लत भरा जीवन जीना किसान की मजबूरी बन चुकी है। खीरो क्षेत्र के किसान सूखे से जूझ ही रहा है। हालांकि सोमवार को बारिश के साथ तेज चली, लेकिन इस कारण धान की फसल बर्बाद होने की कगार पर पहुँच चुकी है। तो वहीं सबसे बड़ी समस्या यूरिया खरीद की है।
ये भी पढ़ें- यूपी में एक दिन में आए 4069 मामले, सीएम योगी करेंगे एल-2 लेवल के 7 अस्पतालों का शुभारम्भ

खीरों ब्लॉक में दस साधन सहकारी समितियां संचालित हैं। कुछ अन्य सहकारी कृषक केंद्र भी संचालित हैं, लेकिन दर दर की ठोकरे खाता किसान पिछले पन्द्रह दिनों से यूरिया के लिए परेशान हैं। क्षेत्र की मात्र दो साधन सहकारी समिति खीरों और पाहो को छोड़ कर शेष भीतर गांव, दोण्डेपुर, खांडेपुर आदि आठ सहकारी समितियों में यूरिया उपलब्ध ही नहीं है। जिसका कालाबाजारी करने वाले कस्बे से लेकर ग्रामीण दुकानदार नाजायज फायदा उठा रहे हैं। सूत्रों की माने तो जो यूरिया की बोरी 266.50 रुपए में उपलब्ध होनी चाहिए, उसको प्राइवेट दुकानदार 300 से 400 रुपए में धड़ल्ले से बेच रहे हैं।
यूरिया के अभाव में धान की फसल तो बर्बाद हो ही रही है। आगे सरसो और चना मटर की बोआई भी प्रभावित हो रही है। क्षेत्रीय किसानों के अनुसार इस लॉकडाउन में फसल ही एक सहारा थी, जो यूरिया के अभाव में खत्म होने की कगार पर पहुँच चुकी है। इसको लेकर किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो