दूसरे प्रान्तों से आये लोगों की स्वास्थ्य विभाग ने की जांच रायबरेली में रविवार को करीब 1660 लोग पहुंचे जिन्हें बसों के जरिए उन्हें उनके घर पर भेजा गया। यह सब लोग दिल्ली, हरियाणा, मुंबई, पंजाब में मेहनत मजदूरी करने गए थे। इसमें रायबरेली के करीब 457 लोग शामिल है,जबकि प्रतापगढ़, अमेठी, जौनपुर, सुल्तानपुर, प्रयागराज जिले के करीब 1210 लोग शामिल थे।
बस स्टेशन पर पहुंचने पर सभी लोगों की हुई जांच
रायबरेली में बाहर से आने वाले लोगों का बस स्टेशन पर उतरते ही सभी लोगों का स्वास्थ्य विभाग की गठित टीम के डाॅक्टरों ने उनकी जांच की साथ ही उन सभी को खाना और नास्ता भी कराया। इसके बाद पुलिस और स्वास्थ्य टीमों ने उन सभी बाहर से आये लोगों को उनके घरों के लिये रवाना किया गया। जिला प्रशासन ने बताया कि ये सभी भूखे प्यासे थे, इसमें अधिकतर ऐसे लोग जिनके पास खानपान तक के लिए पैसे नहीं थे, यह लोग घर जाने और अपनों से मिलने के लिए जल्दबाजी में दिखे। करोना वायरस के चलते किए गए लाॅकडाउन उनके चलते सभी परेशान थे और उनका कहना था कि भूखे मरने से अच्छा है कि अपने घर चले जाएं।
रायबरेली डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक अक्षय कुमार का कहना है रायबरेली डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक अक्षय कुमार का कहना है कि रविवार को रायबरेली के साथ ही अन्य जनपदों के करीब 1655 लोग यहां पहुंचे थे जिन्हें बसों के माध्यम से फ्री में उनके घर के लिए रवाना किया गया उन्होंने बताया कि गैर प्रांतों से आए लोगों को घर पहुंचाने के लिए 45 बसों का संचालन कराया जा रहा है। लाॅकडाउन के बाद गैर प्रांत से आए लोग सिर्फ बेहाल थे, बल्कि भूखा प्यासा रहने के बाद उनके चेहरे मुरझाए थे। घर जाने की जल्दबाजी सभी में इस कदर थी कि वह जान जोखिम डालें से भी नहीं चूक रहे थे।
रायबरेली में भारी संख्या में लोगों के यहां पहुंचने पर सुरक्षा के मद्देनजर डीएम सुभ्रा सक्सेना, सिटी मजिस्ट्रेट योगराज सिंह, सीओ सदर गोपीनाथ सोनी, सदर कोतवाल अतुल सिंह पुलिस टीम के साथ मौजूद रहे। डीएम सुभ्रा सक्सेना ने बताया कि गैर प्रांतों से आए लोगों के मद्देनजर सतर्कता बरती जा रही है जो लोग आ रहे हैं उन्हें बसों से उनके घर को भिजवाया जा रहा है।