बुजुर्ग महिला शौचालय को बनाया अपना आशियाना मामला विकास खंड लालगंज के जगतपुर भिचकौरा गांव का है। जहां की निवासिनी वृद्ध कैलाशा रैदास पत्नी स्व. बसंतलाल रैदास के पुत्रों का लम्बे समय पहले निधन हो चुका है। उसकी पुत्रियां विवाहित हैं। वह गांव में अकेले ही जीवन यापन कर रही है। आवास के नाम पर जर्जर मकान है जिसमें आगे छप्पर रखा हुआ है। लाल रंग का अन्त्योदय राशनकार्ड बना हुआ है, जर्जर आवास के चलते उसका घर में रहना दूभर था। कहीं छत ढ़ह न जाए इस डर से वह खुले आसमान के नीचे ही रात बिताने को मजबूर थी।कुछ माह पहले उसे शौचालय मिला तो उसने उसी को अपना आशियाना बना लिया। छोटे से शौचालय में पुआल डालकर उसने उसी के ऊपर बिस्तर डाल लिया है। अब वह इसी में रात बिताती है। कैलाशा का कहना है कि भले ही सोने में कुछ कष्ट होता है लेकिन इस बात की चिंता तो नही सताती कि कहीं छत न ढ़ह जाए। ग्राम सभा में जब ऐसे लोगों के आवास नही मिला तो फिर किन लोगो को आवास योजना का लाभ दिया गया है यह यक्ष प्रश्न है।
लालगंज एसडीएम जीत लाल सैनी का कहना है कि वही एसडीएम जीत लाल सैनी का कहना है कि जांच कराई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक 1995 में इंदिरा गांधी आवासीय कॉलोनी दी गई थी। जो मरम्मत योग्य है वृद्धा कैलाशा अक्सर अपनी शादीशुदा बेटी के पास रहती है यहां कभी-कभी आती है उसे राशन कार्ड पेंशन आदि की व्यवस्था भी कराई गई। वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर ग्राम प्रधान महेश कुमार का कहना है कि मकान रहने योग्य हैं जर्जर जरूर है राजनीति के तहत बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।