उत्तराखंड में ट्रेनिंग देते समय जवान की मौत बताया जा रहा है कि सेना के जवानों ने दो पुलों का निर्माण कर लिया था और तीसरे पुल का निर्माण करने के बाद उससे गाड़ी निकालने की ट्रेनिंग दे रहे थे। लेकिन इसी दौरान अचानक पुल का एक हिस्सा धंसने लगा तभी सूबेदार राम शंकर द्विवेदी ने जवानों से भागने के लिए कहा आखिरकार सभी 6 जवान गाड़ी से कूदकर भाग निकले जिससे उनकी जान तो बच गई लेकिन सूबेदार राम शंकर द्विवेदी पुल धसने की वजह से गाड़ी पलट गई और उसी के नीचे मलबे में दब गए जिससे उनकी मौत हो गई।
गांव में मचा कोहराम मंगलवार को हुए हादसे के बाद गांव में सूचना आने के बाद कोहराम मच गया आज जब बीती रात शव गांव पहुंचा तो सैकड़ों की संख्या में लोग गांव पहुंचे और सूबेदार राम शंकर द्विवेदी को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी गांव से जैसे ही शव अंतिम संस्कार के लिए गंगा तट के लिए निकला तो जगह-जगह भारत माता की जय और राम शंकर द्विवेदी अमर रहे के नारों से गलियां गूंज उठी जगह जगह उनके पार्थिव शव को रोककर लोगों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी सूबेदार राम शंकर द्विवेदी के दो बेटे हैं जो सेना में ही आज भी देश की रक्षा के लिए सीमा पर ड्यूटी दे रहे हैं राम शंकर द्विवेदी का गंगा तट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया उनके सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया इस दौरान एसडीएम लालगंज विनय कुमार , सरेनी कोतवाली प्रभारी अनिल सिंह,सरेनी विधानसभा से बीजेपी विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह , कांग्रेस के पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह ने भी सूबेदार राम शंकर द्विवेदी को श्रद्धांजलि दी ।