डलमऊ क्षेत्र में यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई ऐसे गंभीर मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें मरीजों को अपनी जान से हाथ तक धोना पड़ चुका है। लेकिन डलमऊ का स्वास्थ्य विभाग है कि सुधरने का नाम तक नहीं ले रहा है।
सीएचसी अधीक्षक के दावे फेल!
डलमऊ सीएचसी में तैनात अधीक्षक विनोद कुमार चौहान दावे तो बहुत करते हैं कि झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही हो रही है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रही है। यह कार्यवाही कहां हो रही है? एफआईआर किस थाने में दर्ज हो रही है? इसकी डिटेल देने में असमर्थ हैं। अल्फिया के मामले में में सीएचसी अधीक्षक विनोद कुमार चौहान ने कहा कि शिकायत मिलने पर झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायेगा।
डलमऊ सीएचसी में तैनात अधीक्षक विनोद कुमार चौहान दावे तो बहुत करते हैं कि झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही हो रही है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रही है। यह कार्यवाही कहां हो रही है? एफआईआर किस थाने में दर्ज हो रही है? इसकी डिटेल देने में असमर्थ हैं। अल्फिया के मामले में में सीएचसी अधीक्षक विनोद कुमार चौहान ने कहा कि शिकायत मिलने पर झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायेगा।
यहां फैला झोलाछाप डॉक्टरों का मकड़जाल
डलमऊ क्षेत्र के बीबीपुर गांव का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके अलावा भी घुरवारा, सलवन रोड, जोहवांटकी, गदागंज, कठगर, देवली, नरेन्द्रपुर, कनहा, बरारा बुजुर्ग आदि गांव में झोलाछाप डॉक्टरों ने मकड़जाल फैला रखा है, जो किसी से छुपा नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ‘खाओ कमाओ नीति’ के तहत इनके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए अगर कोई टीम गठित की जाती है, वह सिर्फ खानापूर्ति कर अपने काम से निजात पा जाते हैं और कागजों का कोरम पूरा कर विभाग से शाबाशी लेकर काम पूरा कर लेते हैं।
डलमऊ क्षेत्र के बीबीपुर गांव का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके अलावा भी घुरवारा, सलवन रोड, जोहवांटकी, गदागंज, कठगर, देवली, नरेन्द्रपुर, कनहा, बरारा बुजुर्ग आदि गांव में झोलाछाप डॉक्टरों ने मकड़जाल फैला रखा है, जो किसी से छुपा नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ‘खाओ कमाओ नीति’ के तहत इनके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए अगर कोई टीम गठित की जाती है, वह सिर्फ खानापूर्ति कर अपने काम से निजात पा जाते हैं और कागजों का कोरम पूरा कर विभाग से शाबाशी लेकर काम पूरा कर लेते हैं।
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