परियोजना प्रमुख कमलेश सोनी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के क्या है कारण कार्यशाला को संबोधित करते हुए परियोजना प्रमुख कमलेश सोनी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन से परंपरागत खेती अब उतनी लाभकारी नहीं रही इसलिए जैविक खेती तथा वर्मीकल्चर के माध्यम से नए-नए प्रयोग करके खेती से अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। इससे जहां स्वरोजगार के रास्ते खुलते हैं, वहीं आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए एनटीपीसी परियोजना के आस-पास के किसानों के लिए इस तरह का प्रशिक्षण आयोजित किया है।
मानव संसाधन विभाग की प्रमुख वंदना चतुर्वेदी ने महिला किसानों से कहा जैविक खेती में ले रुचि मानव संसाधन विभाग की प्रमुख वंदना चतुर्वेदी ने महिला किसानों के द्वारा जैविक खेती में रुचि लेने तथा इस प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए सराहना की। वंदना चतुर्वेदी ने किसानों का आहवान किया कि वे प्रशिक्षण के उपरांत जैविक खेती अवश्य शुरू करें और समय-समय पर कृषि वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन प्राप्त करें। एनटीपीसी सदैव ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन करके समय-समय पर किसानों का सहयोग करती रहेगी।
कार्यशाला के दौरान जैविक खेती करने व इससे लाभकारी उत्पाद हासिल करने वाले आदर्श जीवन फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के तीन किसानों ने अपने उत्पादों की प्रदर्शिनी लगाई तथा प्रशिक्षु किसानों को व्यावहारिक रूप से इसकी पैदावार करने व इससे लाभ लेने के तरीकों को बताया। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह तथा पौधों का वितरण किया गया। इस अवसर उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन) भोलेन्द्र गुप्त, सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य बी के सिंह, प्रबंधक (सीएसआर) स्नेहा त्रिपाठी, जी पी यादव और श्वेता कुमारी,सूचना जनसम्पर्क अधिकारी कोमल शर्मा आदि उपस्थित रहे।