सदर में आज समाजवादी पार्टी ने किसानों की समस्याओं को लेकर सपा के जिलाध्यक्ष राम बहादुर यादव की अगुवाई में किसानों के खाद, बीज, पानी, राशन की समस्या को लेकर दस सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी रायबरेली के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को भेजा गया। इस ज्ञापन को जिलाधिकारी की ओर से ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट ने प्राप्त कर आश्वासन दिया कि इसे महामहिम राज्यपाल को भेजा जाएगा। इस दौरान समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी “बीज दे न सके वह सरकार निकम्मी है,जो सरकार निकम्मी है वह सरकार बदलनी है” के नारे भी लगाये। समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए गगनभेदी नारों से कलेक्ट्रेट परिसर गूँज उठा।
रबी की बुआई न होना किसान के लिये दुख की बात- राम बहादुर यादव
दस सूत्रीय ज्ञापन में माँग की गयी कि रायबरेली में किसानों के सामने रबी की बुआई के समय अगर खाद न मिलना यह एक गम्भीर समस्या पैदा कर रही है। रबी की बुआई का यह पीक समय है,जब किसानों को भरपूर खाद, बीज एवं पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति में खेती किसानी का काम चैपट हो रहा है।
दस सूत्रीय ज्ञापन में माँग की गयी कि रायबरेली में किसानों के सामने रबी की बुआई के समय अगर खाद न मिलना यह एक गम्भीर समस्या पैदा कर रही है। रबी की बुआई का यह पीक समय है,जब किसानों को भरपूर खाद, बीज एवं पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति में खेती किसानी का काम चैपट हो रहा है।
कलेक्ट्रेट में समाजवादी पार्टी के लोग आपस में ज्ञापन के समय भिडे़
समाजवादी पार्टी के लोग अपने को चाहे जितना लोहिया के कदमों पर चलने की बात कहे लेकिन शायद यह लोगों के दिमाग में नही उतरती है । ऐसा ही आज कलेक्ट्रेट परिसर में दिखा जहां जिले के समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष के अगुवाई में किसानों की समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौपना था तभी वहां मौजूद कुछ समाजवादी पार्टी के लोग आपस में ही भिड़ गये और गाली गालौज करते नजर आये, लेकिन बाद में जिलाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों के बीच बचाव करने के बाद मामला शांत हुआ।
प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था
कानून व्यवस्था जिले में मजाक बनकर रह गयी है,पुलिस किसी की नियंत्रण में नहीं है और अपराधों में आयी बाढ़ पर रोक नहीं लगा पा रही है। भाजपा की नीतियां किसान विरोधी है। कर्ज माफी के नाम पर तमाशेबाजी की गयी है। किसी का कर्ज नेट पर माफ है तो किसी का कागज पर परन्तु बैंक खाते पर ऋण माफी का लाभ नहीं मिल रहा। कर्ज में दबे किसान आत्म हत्या को मजबूर है,पूरे देश में किसान आन्दोलित है। गाजियाबाद में किसानों पर भयंकर लाठीचार्ज किया गया। पूरे प्रदेश में महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं।