ये दौरा जरूरी भी, मजबूरी भी खराब स्वास्थ्य के कारण सोनिया ने अपना पिछला दौरा कैंसिल कर दिया था। लेकिन गिरती सेहत के बावजूद उनका यह दौरा राजनीतिक मजबूरी के साथ ही विकास और प्रशासनिक कार्यों के लिए जरूरी भी है। बुधवार को उन्हें जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में शामिल होना है। उनके कुछ करीबी लोगों ने पार्टी छोड़ दी है, ऐसे में संगठन को होने वाले नफा-नुकसान का आकलन भी उन्ही को करना है।
गढ़ बचाने की चुनौती
सोनिया के सामने एक बड़ी चुनौती अपना गढ़ बचाने की है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस एमएलसी दिनेश सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उनके अलावा रायबरेली जिले के हरचंदपुर से कांग्रेस विधायक राकेश सिंह भी हाथ का साथ छोड़ सकते हैं। इन दोनों नेताओं के अलावा रायबरेली जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह ने भी पार्टी से इस्तीफा दिया है। बता दें अवधेश सिंह पूरे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के इकलौते जिया पंचायत अध्यक्ष थे। एमएलसी दिनेश सिंह के परिवार के पांच ब्लॉक प्रमुख ने इस्तीफा दिया है। पूरा परिवार 21 अप्रैल को अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी जाॅइन कर सकता है। ऐसे में सोनिया के बड़ी चुनौती ये होगी कि अब बचे हुए अपने नेताओं में कोई बागी न हो।
डेढ़ साल बाद आईं सोनिया
बता दें कि जून 2016 से सांसद सोनिया गांधी रायबरेली नहीं आई हैं। इसके पीछे उनकी तबीयत का खराब होना बड़ा कारण रहा है। उन्होंने कहने है कि उनकी गैर मौजूदगी में प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी आते रहे हैं।
बता दें कि जून 2016 से सांसद सोनिया गांधी रायबरेली नहीं आई हैं। इसके पीछे उनकी तबीयत का खराब होना बड़ा कारण रहा है। उन्होंने कहने है कि उनकी गैर मौजूदगी में प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी आते रहे हैं।
राहुल भी मां के साथ अमेठी के सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 17 अप्रैल की शाम को अपनी मां सोनिया के पास भुएमऊ स्थित गेस्टहाउस आ गए। यहां वह रात में आराम भी करेंगे। बुधवार सुबह अनुश्रवण समिति की बैठक में उन्हें भी शामिल होना है क्योंकि रायबरेली जिले के सलोन का कुछ हिस्सा अमेठी संसदीय क्षेत्र में आता है।
इस साथ के ये भी हैं मायने रायबरेली के लोगों का ये भी कहना है कि हो सकता है राहुल आने वाले वक्त में यहां से चुनाव लड़ें इसलिए वह मां सोनिया के साथ रायबरेली आये हैं। हालांकि कांग्रेस पदाधिकारियों का कहना है कि वह अमेठी से ही चुनाव लड़ेंगे लेकिन रायबरेली में कांग्रेस को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे। आने वाले दिनों में प्रियंका गांधी भी रायबरेली-अमेठी में एक्टिव दिखेंगी।