– सोनिया-प्रियंका ने की हार के कारणों पर समीक्षा
– 2022 विधानसभा उपचुनाव अकेले लड़ेगी कांग्रेस
– कांग्रेस नेताओं ने सपा-बसपा के साथ न आने का किया ऐलान
सोनिया-प्रियंका ने की हार के कारणों की समीक्षा, सपा-बसपा से गठबंधन पर कांग्रेस ने दिया ये जवाब
रायबरेली.लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) में रायबरेली सीट जीतने के बाद यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) बुधवार को अपने संसदीय क्षेत्र पहुंची। उनके साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) भी मौजूद रहीं। प्रियंका और सोनिया गांधी अपने तय समय से एक घंटे पहले ही रायबरेली पहुंची। कार्यकर्ताओं ने फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया। सोनिया गांधी ने यहां क्षेत्रीय नेताओं और कार्यकर्ताओं का जीत के लिए आभार व्यक्त किया। इसी के साथ कांग्रेस की चिंतन मंथन बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें 2022 के प्रदेश में विधानसभा उपचुनावों की चर्चा हुई। प्रियंका ने सभी अलग-अलग जिलाध्यक्षों और कॉर्डिनेटर्स से बातचीत की। बैठक में बहराइच से कांग्रेस उम्मीदवार सावित्री बाई फूले (Savitri Bai Phule), उन्नाव से पूर्व सांसद अन्नु टंडन (Annu Tondon), डॉ. संजय सिंह समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
प्रियंका ने की हार के कारणों पर समीक्षा दो मई को सोनिया ने सरेनी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी जनसभा को संबोधित किया था। उसके बाद मतदान और मतगणना दोनों बीत गई। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सोनिया गांधी का अपने संसदीय क्षेत्र में यह पहला दौरा रहा। दो मई को सोनिया ने सरेनी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी जनसभा को संबोधित किया था। उसके बाद मतदान और मतगणना दोनों बीत गई। सोनिया के साथ उनकी बेटी व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी दौरे में शामिल रहीं। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में जिलाध्यक्षों संग हार के कारणों की समीक्षा की। पार्टी ने इस बात पर मंथन किया कि अब तक गांधी-नेहरू परिवार का गढ़ कही जाने वाली अमेठी में राहुल गांधी क्यों हारे। कमजोर कड़ी की तलाश सुबह से शाम तक चली। खुद सोनिया गांधी भी काफी मशक्कत के बाद रायबरेली फतह कर पायीं। ऐसे मेें पार्टी उन स्थानों को चिन्हित करेगी, जहां-जहां दिक्कतें हुईं ताकि 2022 विधानसभा चुनाव में जीत की राह आसान हो। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को एकमात्र रायबरेली सीट ही हासिल हुई। सोनिया गांधी यहां से लगातार पांचवी बार सांसद चुनी गई हैं।
कार्यकर्ताओं के लिए शुद्ध शाकाहारी भोजन बाहर से आने वाले नेताओं समेत जिले के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के लिए बैठक में दोपहर व रात के भोजन का आयोजन किया गया। भोजन पूरी तरह शाकाहारी था।
लोकतंत्र की हई हत्या कांग्रेस उम्मीदवार सावित्री बाई फूले ने लोकसभा चुनाव के परिणाम को लोकतंत्र की हत्या बताया। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले ही तीन सौ पार सीट लाने का ऐलान कर दिया था। उन्होंने इसे ईवीएम के साथ छेड़छाड़ बताया और कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम जनता के मनमुताबिक नहीं रहे। पब्लिक में आक्रोश है कि ईवीएम में गड़बड़ी है और परिणाम सही तरह से नहीं आया।जिस चरह वोट दिया गया उसके अनुसार नतीजे नहीं आए। उन्होंने कहा कि वे ईवीएम हटाने की मांग करेंगी। सोनिया गांधी पर सावित्री बाई फूले ने कहा कि रायबरेली की जनता ने उन्हें जीताकर उनपर अपना विश्वास मजबूत किया है।
कांग्रेस की हार को सावित्री बाई फूले ने ईवीएम में गड़बड़ी बताया। उन्होंने कहा कि वे बैलेट पेपर से चुनाव आयोजित कराने की मांग करेंगी। इससे संबंधित भारतीय संविधान लागू हो, इसके लिए वे पूरे भारत में मांग करेंगी ताकि भारत का लोकतंत्र बचा रहे।
सपा-बसपा से गठबंधन नहीं बैठक में मौजूद रहे कांग्रेस नेता डॉ. सजय सिंह ने कांग्रेस के अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सपा-बसपा (Sp-bsp alliance) से गठबंधन नहीं होगा।
वहीं उन्नाव से पूर्व सांसद अन्नु टंडन ने भी गठबंधन और कांग्रेस के साथ न आने की बात कही। संतकबीरनगर से पूर्व सांसद भालचंद्र यादव ने चुनाव में वोट परसेंट गिरने पर कहा कि कांग्रेस का प्रचार और लोग कम रहे। मोदी (Narendra Modi) के बहकावे और गठबंधन की होहल्ला में कांग्रेस को तवज्जो नहीं दी जाएगी। सपा-बसपा से बड़ी सीख मिली है और इसलिए आगे के चुनाव में उनसे किसी सूरत में गठबंधन नहीं होगा।