सोनिया और प्रियंका ने माना कि यूपी में कमजोर है संगठन भुएमऊ गेस्टहाउस में नेता-कार्यकर्ता सबसे अलग-अलग हुई मुलाकात में प्रियंका वाड्रा ने सबकी बातों को गौर से सुना। कांग्रेस पार्टी के चुनावी दौर में प्रत्याशी और कोआर्डीनेटर ही प्रमुख भूमिका में रहे। बुधवार को उन्हीं से कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव ने फीड बैक लिया। प्रत्याशियों ने संगठन कमजोर होने की बात कही, जिसे स्वीकार करते हुए प्रियंका ने पार्टी नेताओं ने हार के सदमे से उबरने की खातिर तत्काल नई ऊर्जा से संगठन को मजबूत बनाने में जुटने को कहा है। मीटिंग में सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक सुर में कहा कि अब कांग्रेस किसी तरह का गठबंधन नहीं करेगी। विस्तार करते हुए सबसे पहले संगठन प्रभावी बनाया जाएगा। 12 सीटों पर विधानसभा उपचुनावों में पूरी ताकत के साथ उतरेगी। इन बैठकों में सोनिया गांधी ने शिरकत नहीं किया। वे रात में जिले के नेताओं व कार्यकर्ताओं से मुखातिब होंगी।
कमजोर इलाकों में फोकस करेंगी प्रियंका और सोनिया कांग्रेस नेताओं का कहना है कि प्रियंका वाड्रा पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिलाध्यक्षों संग हार के कारणों की समीक्षा करेंगी। इसी दौरान चिंतन, मंथन भी होगा। आखिर कमी कहां रह गई। गौतलब है कि अमेठी में राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा है, जबकि रायबरेली में सोनिया गांधी की भी जीत कई हिचकोलों के बाद तय हो सकी थी। ऐसे में पार्टी जहां-जहां दिक्कत हुई है, उन स्थानों को चिह्नित करेगी। साथ ही संगठन को मजबूत करने का खाका भी बनेगा।