कंपनी में भवन निर्माण सामग्री को लेकर आए दिन ठेकेदारों में आपसी विवाद होता रहता है। कुछ लोग इसमें अपना एकछत्र राज्य स्थापित करना चाहते है। इसी को लेकर इसके पहलते भी दोबार फायरिंग की घटनाएं घट चुकी है। आए दिन छोटे-मोटे विवादों की तो कोई गिनती ही नही है। यहां अन्य कंपनियां भी काम कर रही हैं लेकिन अन्य किसी कंपनी के ठेकेदारों के मध्य विवाद नही सुनाई देता है।वहीं जीडीसीएल कंपनी में आए दिन इस तरह कि मारपीट व फायरिंग की घटनाएं होना अब आमू बात होती जा रही है। लोगों का कहना है कि कंपनी इसके लिए खुद जिम्मेदार है, जो शुरु से ही अपराधी किस्म के लोगों को ठेकेदारी के काम में लगाए हुये थे।
यही अपराधी किस्म के ठेकेदार अब कंपनी के लिये नासूर बनते जा रहे है। वह अपना वर्चस्व कायम रखने के लिये मारपीट से लेकर फायरिंग तक करने में जरा भी संकोच नही करते। क्षेत्र के कुछ ऐसे अडडे है। जहां ऐसे अराजकतत्वों का जमावड़ा होता है, जो कारखाना के स्थापना के समय से इस पर अपना आधिपत्य जमाने के लिये योजना बनाते रहते है। जिनके द्धारा अब तक कई सीधे साधे सप्लायर और ठेकेदार बेज्जत हो चुके है, इसके चलते वह काम छोड़कर चले गये। यदि यही हाल रहा तो यहां किस दिन कोई बड़ी घटना होने को नकारा नही जा सकता है।
बहरहाल कंपनी में बुधवार को हुई फायरिंग के बाद यहां पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है। खुद जीडीसीएल के आफिस में ताला लटक रहा है। सके चलते गैर प्रान्त से आए दिहाड़ी मजदूरों के सामने खाने के लाले पड़ गए है। मजदूरों ने दबी जबान से अपनी सुरक्षा की मांग क है, वहीं स्थानीय लोगों ने एक पुलिस चैकी स्थापित करने की मांग की है।