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राजनीतिक नाम में तो निकला आगे और विकास में फिसड्डी ही रह गया रायबरेली

locationरायबरेलीPublished: Jan 13, 2022 04:37:19 pm

Submitted by:

Madhav Singh

चुनाव का मौसम आ गया है। वायदों और भाषणों से जनता को लुभाने की पूरी कोशिश की जाएगी। पिछले रिपोर्ट कार्ड्स भी पढ़े- खंगाले जायेंगे। कुछ जगह तो काम हुआ है, लेकिन बाकी जगह स्थितियां जस-की-तस हैं।

राजनीतिक नाम में तो निकला आगे और विकास में फिसड्डी ही रह गया रायबरेली

राजनीतिक नाम में तो निकला आगे और विकास में फिसड्डी ही रह गया रायबरेली

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

रायबरेली. चुनाव का मौसम आ गया है। वायदों और भाषणों से जनता को लुभाने की पूरी कोशिश की जाएगी। पिछले रिपोर्ट कार्ड्स भी पढ़े- खंगाले जायेंगे। कुछ जगह तो काम हुआ है, लेकिन बाकी जगह स्थितियां जस-की-तस हैं। गुड गवर्नेंस की बात करने वाली योगी सरकार के आला-अफसर और शहर की नगरपालिका अपने निवासियों की समस्यों का समाधान करने में या तो वाकई अक्षम है या इच्छुक नहीं हैं।
जनसुनवाई पोर्टल पर भी नहीं हुआ समस्या का हल

जनसुनवाई पोर्टल पर सत्यनगर के एक निवासी ने वहां की सडकों की स्थिति सुधारने हेतु आवेदन किया। आवेदन के जवाब में आख्या लगाई गई कि “उक्त शिकायत पर निरीक्षण किया गया। इसके लिए धन की आवश्यकता है। शासन द्वारा धन प्राप्त होने पर कार्य कराया जायेगा।” सत्यनगर जनपद के सबसे पुराने मोहल्लों में से एक है। यहाँ की कई गलियां ऐसी हैं कि गाड़ियां नहीं निकल सकतीं क्योंकि बहुत से लोगों ने अपने मकान को सडकों पर बना लिया है। नालियां गहरी न होने के कारण अक्सर जलभराव की समस्या भी रहती है। बहुत सी नालियां भी घरों का हिस्सा बन गयीं है। साथ ही, चूँकि अब ज्यादातर लोग बिना पार्किंग की जगह का सोचे चार – पहिया वाहन खरीद रहे हैं, अक्सर उन घरों के आसपास गाड़ियों का जमावड़ा लग जाता है जो अपनी सीमा में बने हैं। इस पर त्वरित कार्यवाही की आवश्यकता है । मोहल्ले के लोग इन समस्याओं से निजात पाना चाहते हैं ।
रायबरेली राजनीतिक चर्चाओं में भले ही महत्व रखता हो विकास न के बराबर

ऐसा ही एक अन्य आवेदन जिला आयुर्वेदिक अस्पताल को डिग्री कॉलेज चौराहे से जोड़ने वाली सड़क के लिए किया गया था, लेकिन उसे भी बजट न होने की बात कहकर टाल दिया गया। देखने वाली बात यह है कि शहर के बीचोबीच बसे इन मोहल्लों में यदि सड़क और नाली कि मरम्मत और रिपेयरिंग नहीं हो पा रही है और बेतरतीब तरीके से घरों और व्यावसायिक इमारतों द्वारा अतिक्रमण जारी है। रायबरेली राजनीतिक चर्चाओं में भले ही महत्वपूर्ण स्थान रखता आया हो विकास के मामले में फिस्सडी ही साबित हो रहा है। फैक्ट्रियां-कॉलेज कुछ लोगों को शिक्षा और रोजगार के अवसर दे सकते हैं , शहर को रहने लायक नहीं बना सकते।

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