रायबरेली सामूहिक हत्याकांड मामला अब जातिवाद रूप लेता जा रहा है।
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रायबरेली. रायबरेली सामूहिक हत्याकांड मामला अब जातिवाद रूप लेता जा रहा है। कभी ब्राह्मण मरने वाले के पक्ष में दिखाई पड़ रहा है तो कही आरोपी के पझ में पिछड़ा वर्ग खुल कर सामने आने लगा है। आज रायबरेली के एक होटल में पत्रकारों से बात करते हुऐ दलित पिछड़ा अल्पसंख्यक मोर्चा रायबरेली एवं अखिल भारतीय युदुवंशी महासभा ने आप्टा कांड की सीबीआई जांच तथा हमले के इरादे से ग्राम प्रधान के घर पर आए लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग है।
जिस प्रकार समाज के एक वर्ग विशेष के लोग पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार पर मृतकों की अपराधिक पृष्ठभूमि को दरकिनार कर एक तरफा कारवाई करने के लिए दबाव डाल रहे हैं और पुलिस प्रशासन उनका साथ दे रहा है तथा मुख्यमंत्री योगी मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपए एवं शस्त्र लाइसेंस दे रहे हैं। इससे इस मामले में सही कार्रवाई की आशा धूमिल हो गई है। पुलिस से इस कांड के मामले में जनता का भरोसा टूट गया है। प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद दलितों-पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं।
अभी हाल में हुए कांड में कुर्मी समाज के लोगों को प्रशासन द्वारा प्रताड़ित किया गया और लगातार परेशान किया गया वही अब अपटा एवं बरगदहा गांव के यादव एवं पिछड़े समाज के लोगों के साथ हो रहा है। खेती-बारी पढ़ाई लिखाई सब बर्बाद हो चुका है। दलित व अल्पसंख्यक तो पहले से ही योगी सरकार के निशाने पर थे। मोर्चे ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि आप जनपद का दलित एवं पिछड़ा वर्ग अपने ऊपर होने वाले अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगा। दलित-पिछड़ा अल्पसंख्यक मोर्चा यादव समाज द्वारा रायबरेली में घोषित आंदोलन का समर्थन करता है। 17 जुलाई 2017 को आयोजित विशाल धरना प्रदर्शन में दलित पिछड़े एवं अल्पसंख्यक समाज के लोग भारी संख्या में शामिल होंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डीपी पाल, प्रबुद्ध पिछड़ा वर्ग संघ के संरक्षक एवं पूर्व प्राचार्य डॉक्टर राम बहादुर वर्मा पाल ,सभा के जिलाध्यक्ष पी एल पाल एडवोकेट ,रामदेव मौर्या एडवोकेट ,कुर्मी सभा के जिलाध्यक्ष भारत लाल वर्मा ,यादव महापंचायत के अध्यक्ष हीरालाल यादव, गजाधर प्रसाद मौर्य ओर अखिल भारतीय युदुवंशी महासभा के राष्ट्रीय महासचिव उत्तर प्रदेश प्रभारी कपिल मुनि यादव लोग मौजूद थे।