थाना क्षेत्र के मुरार मऊ गांव के रहने वाले रिजवान पुत्र सोहराब व हुआ गांव की ही अजमतुन्निसा पुत्री मजीर से करीब डेढ़ साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। रिजवान के परिजन शादी से ना नुकुर कर रहे थे। गांव के आमिर खान ने बताया कि बीती रात रिजवान अजमतुन्निसा के घर पहुंच गया तो ग्रामीणों ने 100 नंबर पर पुलिस को फोन कर दिया ।
पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को थाने ले आई। इसी बीच दोनों के परिजन भी थाने पहुंच गए। अजमतुन्निसा के परिजन लड़के पक्ष पर शादी का दबाव बनाने लगे। घंटे भर चली पंचायत के बाद रिजवान और उसके परिजन शादी के लिए तैयार हो गए, तो स्थानीय बाजार के मस्जिद के काजी मोहम्मद अनवारुल हक को कोतवाली बुलाया गया। उन्होंने थाने में ही कुरान पाक की आयतों के बीच दोनों का निकाह कराया।
निकाह के बाद पुलिस ने 11 हजार रुपये की रकम मेहर के रूप में वधू को दे दी। बता दें कि अजमतुन्निसा की मां का देहांत हो गया था, निकाहनामे में पुलिस की भूमिका सराहनीय रही। उप निरीक्षक रमेश चंद्र जयसवाल, राजेंद्र सिंह, राजेंद्र, रघुनाथ, आरपी वर्मा थे।
दुल्हन की विदाई पर पुलिसकर्मियों के छलके आंसू- सरेनी कोतवाली पुलिस ने एक बिना मां की अनाथ बेटी का अपने प्रेमी के साथ निकाह करा कर सराहनीय कार्य किया है। वहीं निकाह के बाद दुल्हन के विदाई के समय मौजूद पुलिसकर्मियों के आंसू छलक पड़े। पुलिसकर्मियों ने बड़े ही अरमानों से दोनों की शादी कराई और बाद में डोली में बिठाकर उसको ससुराल के लिए विदा किया। जनवासे में तब्दील हुई कोतवाली में खुशियां ही खुशियां दिखाई पड़ रही थी । कोतवाली के पुलिसकर्मी भी खुशी में झूम रहे थे कि आज उन्होंने बहुत दिनों के बाद कुछ अच्छा काम किया है कि एक प्रेमी युगल के जोड़े को मिला कर उन्हें जिंदगी भर साथ रहने का आशीर्वाद दिया। पुलिसकर्मियों ने अपनी श्रद्धा के साथ उपहार में नगद रुपए भी दिए।
समाज के लोग पुलिस की बुराइयों को तो जरूर याद करते हैं, लेकिन उनकी अच्छाइयों को भूल जाते हैं। बिना मां की अनाथ बेटी को उसका जीवन साथी देकर आज अजमतुन्निसा का घर बसा दिया है। निकाह के समय कोतवाली में मौजूद पुलिसकर्मियों ने बिना किसी संकोच के किये अपने हाथों से लोगों को पानी पिलाया और उन्हें बैठने के लिए कुर्सी देकर उनका सम्मान किया।