निर्भया का भाई बना पायलट
निर्भया के पिता बद्रीनाथ और मां आशा कुमारी बलिया के रहने वाले हैं। वे इन दिनों अपने बेटे के स्कूल इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड्डयन एकेडमी, फुर्सतगंज रायबरेली आए हैं। रायबरेली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की प्रशंसा करते नहीं थक रहे। वे कहते हैं मेरा बेटा अब पायलट बन गया है। इस मौके पर सम्मानित करने के लिए संस्थान ने बुलाया है। यह हमारे जिंदगी का सबसे सुखद पल है। वे कहते हैं बेटे की पायलट की नौकरी निर्भयता, ताकत और नई आशाओं का प्रतीक है। और मेरी बेटी निर्भया तो इन्हीं उम्मीदों और आशाओं के साथ हमेशा आगे बढऩा चाहती थी।
निर्भया के पिता बद्रीनाथ और मां आशा कुमारी बलिया के रहने वाले हैं। वे इन दिनों अपने बेटे के स्कूल इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड्डयन एकेडमी, फुर्सतगंज रायबरेली आए हैं। रायबरेली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की प्रशंसा करते नहीं थक रहे। वे कहते हैं मेरा बेटा अब पायलट बन गया है। इस मौके पर सम्मानित करने के लिए संस्थान ने बुलाया है। यह हमारे जिंदगी का सबसे सुखद पल है। वे कहते हैं बेटे की पायलट की नौकरी निर्भयता, ताकत और नई आशाओं का प्रतीक है। और मेरी बेटी निर्भया तो इन्हीं उम्मीदों और आशाओं के साथ हमेशा आगे बढऩा चाहती थी।
राहुल ने की 32 लाख की मदद
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (आईजीआरयूए), को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में खोला था। यहां वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) पाठ्यक्रम की शुल्क 32 लाख रुपए है। राहुल गांधी आईजीआरयूए की शासी परिषद के 11 सदस्यों में से एक हैं। जबकि अन्य सभी सदस्य केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से हैं। राहुल ने निर्भया के भाई की न केवल फीस भरी बल्कि उसके एडमीशन में भी मदद की।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (आईजीआरयूए), को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में खोला था। यहां वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) पाठ्यक्रम की शुल्क 32 लाख रुपए है। राहुल गांधी आईजीआरयूए की शासी परिषद के 11 सदस्यों में से एक हैं। जबकि अन्य सभी सदस्य केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से हैं। राहुल ने निर्भया के भाई की न केवल फीस भरी बल्कि उसके एडमीशन में भी मदद की।
राहुल रहते हैं निर्भया के परिवार से संपर्क में
निर्भया की मां आशा कहती हैं कि बेटे के फीस की राशि हम बैंकों या निजी उधारदाताओं से नहीं ले सकते थे। लेकिन, राहुल और उनके परिवारीजन ने मेरे बेटे की शिक्षा के लिए पैसे खर्च किए थे। रायबरेली में रहने का इंतजाम किया। राहुल और प्रियंका दोनों बेटे से मिलते रहते थे और उसकी प्रगति के बारे में मुझसे बात करते थे। उन्होंने मेेरे बेटे का कॅरियर बना दिया।
निर्भया की मां आशा कहती हैं कि बेटे के फीस की राशि हम बैंकों या निजी उधारदाताओं से नहीं ले सकते थे। लेकिन, राहुल और उनके परिवारीजन ने मेरे बेटे की शिक्षा के लिए पैसे खर्च किए थे। रायबरेली में रहने का इंतजाम किया। राहुल और प्रियंका दोनों बेटे से मिलते रहते थे और उसकी प्रगति के बारे में मुझसे बात करते थे। उन्होंने मेेरे बेटे का कॅरियर बना दिया।
दिया था पायलट बनने का सुझाव
आशा ने बताया कि राहुल गांधी ने हमारे बेटे को सहारा देने के साथ ही हमेशा आगे बढऩे को प्रेरित किया। यह जानने के बाद कि बेटा डिफेंस फोर्स ज्वॉइन करना चाहता है, राहुल ने उसे स्कूल पूरा करने के बाद पायलट की ट्रेनिंग लेने का सुझाव दिया। अब बेटा अपनी योग्यता पर नौकरी हासिल कर राहुल गांधी का एहसान चुकाना चाहता हैं।
आशा ने बताया कि राहुल गांधी ने हमारे बेटे को सहारा देने के साथ ही हमेशा आगे बढऩे को प्रेरित किया। यह जानने के बाद कि बेटा डिफेंस फोर्स ज्वॉइन करना चाहता है, राहुल ने उसे स्कूल पूरा करने के बाद पायलट की ट्रेनिंग लेने का सुझाव दिया। अब बेटा अपनी योग्यता पर नौकरी हासिल कर राहुल गांधी का एहसान चुकाना चाहता हैं।