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रायबरेली में लगे निर्भया के भाई की उम्मीदों को पंख, राहुल गांधी ने की बड़ी मदद

locationरायबरेलीPublished: Nov 04, 2017 05:10:46 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

कांग्रेस उपाध्यक्ष व अमेठी से सांसद राहुल गांधी ने चुपचाप निर्भया के गमजदा परिवार के लिए ऐसा काम किया कि आज पूरी दुनिया राहुल गांधी की तारीफ कर रही है

Rahul Gandhi

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रायबरेली. आज से पांच साल पहले दिल्ली में निर्भया कांड हुआ था। पूरे देश में इस कांड की गूंज थी। तब कांग्रेस उपाध्यक्ष और अमेठी से सांसद राहुल गांधी ने चुपचाप निर्भया के गमजदा परिवार के लिए ऐसा काम किया कि आज पूरी दुनिया राहुल गांधी की तारीफ कर रही है। उनकी छोटी सी मदद ने लोगों का दिल जीत लिया है । हर तरफ उनकी वाह-वाही हो रही है। 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के दर्द कोपूरे देश ने महसूस किया। निर्भया के माता-पिता और भाई गहरे सदमें में थे। उनकी बेटी इस दुनिया से जा चुकी थी। इसी के साथ बेटी के साथ जुड़े सपने भी तिरोहित हो गए थे। बेटी अच्छी पढ़ाई कर अपने मां-बाप का सहारा बनना चाहती थी। लेकिन सब कुछ एक झटके में चकनाचूर हो गया था। जब निर्भया के परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूटा था तब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी निर्भया के परिवार वालों से चुपचाप मिले। निर्भया के भाइयों से बात की। और वादा किया कि वह निर्भया के सपनों को पूरा करने में मददगार बनेंगे। इस घटना के 5 साल बाद आज फिर निर्भया का परिवार चर्चा में है। इसकी वजह हैं राहुल गांधी। राहुल की मदद से निर्भया का भाई अब आसमान छूने से बस चंद कदम दूर है। निर्भया के माता-पिता भी बेहद खुश हैं। उनके चेहरे पर मुस्कान है। वे रायबरेली आए हैं। कहते हैं कांग्रेस उपाध्यक्ष और अमेठी सांसद राहुल गांधी ने हमारे परिवार की खुशियां लौटा दी हैं। अब मेरा बेटा आसमान में उड़ेगा।
निर्भया का भाई बना पायलट
निर्भया के पिता बद्रीनाथ और मां आशा कुमारी बलिया के रहने वाले हैं। वे इन दिनों अपने बेटे के स्कूल इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड्डयन एकेडमी, फुर्सतगंज रायबरेली आए हैं। रायबरेली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की प्रशंसा करते नहीं थक रहे। वे कहते हैं मेरा बेटा अब पायलट बन गया है। इस मौके पर सम्मानित करने के लिए संस्थान ने बुलाया है। यह हमारे जिंदगी का सबसे सुखद पल है। वे कहते हैं बेटे की पायलट की नौकरी निर्भयता, ताकत और नई आशाओं का प्रतीक है। और मेरी बेटी निर्भया तो इन्हीं उम्मीदों और आशाओं के साथ हमेशा आगे बढऩा चाहती थी।
राहुल ने की 32 लाख की मदद
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (आईजीआरयूए), को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में खोला था। यहां वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) पाठ्यक्रम की शुल्क 32 लाख रुपए है। राहुल गांधी आईजीआरयूए की शासी परिषद के 11 सदस्यों में से एक हैं। जबकि अन्य सभी सदस्य केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से हैं। राहुल ने निर्भया के भाई की न केवल फीस भरी बल्कि उसके एडमीशन में भी मदद की।
राहुल रहते हैं निर्भया के परिवार से संपर्क में
निर्भया की मां आशा कहती हैं कि बेटे के फीस की राशि हम बैंकों या निजी उधारदाताओं से नहीं ले सकते थे। लेकिन, राहुल और उनके परिवारीजन ने मेरे बेटे की शिक्षा के लिए पैसे खर्च किए थे। रायबरेली में रहने का इंतजाम किया। राहुल और प्रियंका दोनों बेटे से मिलते रहते थे और उसकी प्रगति के बारे में मुझसे बात करते थे। उन्होंने मेेरे बेटे का कॅरियर बना दिया।
दिया था पायलट बनने का सुझाव
आशा ने बताया कि राहुल गांधी ने हमारे बेटे को सहारा देने के साथ ही हमेशा आगे बढऩे को प्रेरित किया। यह जानने के बाद कि बेटा डिफेंस फोर्स ज्वॉइन करना चाहता है, राहुल ने उसे स्कूल पूरा करने के बाद पायलट की ट्रेनिंग लेने का सुझाव दिया। अब बेटा अपनी योग्यता पर नौकरी हासिल कर राहुल गांधी का एहसान चुकाना चाहता हैं।
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