घटना के समय मां किसी काम से रायबरेली गई थी। घटना की जानकारी बड़ी बेटी ने मां को फोन पर दी। घर पहुंची मां ने सूचना 100 नंबर पर दी। मौके पर पहुंचे डायल 100 के पुलिस कर्मियों ने आरोपी युवक को पकड़कर थाने ले गई । मां ने थाने पहुंचकर नामजद तहरीर दी। पुलिस ने घटना के बाद किशोरी के बयान भी दर्ज किए। देर रात पुलिस ने आरोपी युवक को थाने से छोड़ दिया। इस वारदात से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। बीते रविवार की सुबह एक मंदबुद्धि नाबालिग किशोरी सुबह शौच के लिए गई थी, जहां पहले से घात लगाए हुए बैठे बहसी दरिंदे युवक ने किशोरी को दबोच लिया और उसे अपनी हवस का शिकार बना डाला । खून से लथपथ मंदबुद्धि किशोरी रोती हुई घर पहुंची पूरी बात अपनी बड़ी बहन को बताया।
वारदात के समय किशोरी की मां किसी काम से शहर आई थी। घर पहुंची मां ने बेटी की हालत देखकर सूचना 100 नंबर पर दी। मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने बहसी दरिंदे को गिरफतार करके थाने पहुंचा दिया। किशोरी की मां ने भी थाने की पुलिस को नामजद तहरीर दी। देर रात को थानेदार ने किशोरी से बयान भी दर्ज किए।
पुलिस ने रात करीब 12 बजे मां और बेटी को थाने से घर भेज दिया। पुलिस ने हद तो तब पार कर दी जब थानेदार ने बिना मुकदमा दर्ज किए हुये पकड़े हुये आरोपी को थाने से छोड़ दिया। पुलिस ने मामले को रफा-दफा करने के उद्देश्य से किशोरी की मां की ओर से मिली हुई तहरीर को ही बदलवा दिया। पीड़ित पक्ष एक गरीब परिवार होने के कारण पुलिस उसे दबा रही है। पुलिस बराबर इस मामले में सुलह के लिए जुटी है। फिलहाल मामला बढ़ने पर मीडिया तक पहुंचा तो थानेदार से विवाद बताकर मामले से पल्ला झाड़ रहे है। इस मामले में पुलिस ने रिपोर्ट नही दर्ज की है। बदले में पीड़ित परिवार को धमकियां जरुर मिल रही है।
दो दिन तक घटना को क्यो छुपाया गया
थाना क्षेत्र में मंदबुद्धि की किशोरी के दुराचार के मामले को थाने की पुलिस ने दो दिन तक क्यों छिपाए रखा। जबकि शासन का स्पष्ट निर्देष है कि दुराचार की पीड़िता को तत्काल न्याय दिलाया जाए लेकिन शासन की मंशा पर मनमाने थानेदार अपने आगे सरकार की नीतियों को भी लागू नही कर रहे है। थानाध्यक्ष बृजमोहन का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है दुराचार की बात गलत है, मंदबुद्धि किशोरी की मां कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती है।