इस अवसर पर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर दो प्रेरक और समन्वयक विगत वर्ष 2009 से कार्यरत हैं जिनके द्वारा 15 वयवर्ग के अक्षरों को साक्षर करने के साथ ही विधिक साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, चुनावी साक्षरता, आपदा प्रबंधन, नागरिक सुरक्षा, पल्स पोलियो अभियान और बीएलओ की जिम्मेदारी निभाते चले आ रहे हैं। फिर भी सरकार ने 1 अप्रैल 2018 से सभी प्रेरकों की सेवाएं रोक दी है। इससे जनपद में 1668 और संपूर्ण भारत वर्ष में 5 लाख साक्षरता कर्मी बेरोजगार चल रहे हैं। इसी क्रम में सितंबर 2015 से प्रेरकों का मानदेय भुगतान भी नहीं किया गया है।
लोकसभा में ये बात उठाने की मांग की- प्रदेश अध्यक्ष ने सोनिया गांधी से इस मामले को लोकसभा में पुरजोर तरीके से उठाने की मांग की। कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष वीके शुक्ला ने आश्वस्त किया कि कांग्रेस पार्टी प्रेरकों की लड़ाई में उनका समर्थन करेगी और जल्द ही इस मामले को लोकसभा में भी उठवाया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य रुप से राष्ट्रीय सचिव अजमल खान, जिला अध्यक्ष अर्चना सिंह, जिला महामंत्री पवन यादव, पारसनाथ मिश्रा, राम लखन मौर्य, जिला उपाध्यक्ष किरन मिश्रा, मिथिलेश तिवारी, शिवबहादुर, कृष्णानंद, राजकुमार, हरेंद्र सिंह, अशोक मिश्रा आदि उपस्थित रहे।