स्वर्गीय पूर्व भाजपा सांसद के गेट द्धार को लेकर की जा रही राजनीति रायबरेली के कांग्रेस नेता मनीष सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेस में बताया कि हमारे परिवार का इतिहास रहा है कि कभी किसी के नाम का सहारा लेकर झूठी और इच्छापूर्ति वाली राजनीति नहीं की है, राजनीति के लिए जनता को गुमराह करने का काम हमारे परिवार में बाबा स्व. धुन्नी सिंह, पिता स्व. अशोक सिंह या विधायक चाचा स्व. अखिलेश सिंह ने कभी नहीं किया, अपने कर्म से नाम बनाया और उसी नाम को अंत समय तक ओछी राजनीति के लिए कभी गिरने नहीं दिया। लेकिन आज एमएलसी दिनेश सिंह ने अपनी खिसकती जमीन व जनाधार को बचाने लिए जिस तरह मेरे बाबा व पिता के नाम से द्वार बनवाकर जनता को गुमराह करने का गलत तरीका अपनाया है, इस तरह के लोंगो को हम कभी सफल नहीं होने देंगे।
मेरे बाबा, पिता व चाचा कभी नाम के मोहताज नहीं रहे मेरे बाबा, पिता व चाचा कभी नाम के मोहताज नहीं रहे हैं, उनके नाम से जिन लोगों ने कमाई की है , उनमें दिनेश सिंह व उनका परिवार भी शामिल है, मैं पुरानी बातों में नहीं जाना चाहता है कि पहले कौन क्या था लेकिन व्यक्ति की पहचान, उसकी परवरिश व उसके व्यक्तित्व से होती है , अगर दिनेश सिंह को निश्चछल भाव से जिला पंचायत अध्यक्ष के नाम से द्वार लगवाना था तो सर्वप्रथम जिला परिषद रायबरेली के लगातार 21 वर्षों तक अध्यक्ष रहे स्व पंडित रामशंकर त्रिपाठी के नाम से लगवाना चाहिए था, साथ ही आज उनको इस मुकाम तक पहुँचाने वाले उनके राजनैतिक गुरू व जिला परिषद रायबरेली के अध्यक्ष रहे स्व. रूद्र प्रताप सिंह ( आर.पी. सिंह ) के नाम से एक भव्य द्वार का निर्माण कराना चाहिए था , परन्तु ओछी राजनीति और अपना खोता जनाधार बचाने के लिए उन्होनें जो सरकारी धन द्वार बनवाने के लिए खर्च किया है , उसका उपयोग जनपद के किसी अन्य विकास कार्य के लिए करते तो पूरे जनपद को लाभ होता ।क्योंकि हम राजनीति परिवार के नाम के लिए नहीं बल्कि रायबरेली और यहाँ के लोगों के सम्मान के लिए करते हैं। रायबरेली का प्रत्येक व्यक्ति ही हमारा मान और सम्मान है ।