बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव द्वारा स्कूलों में गैस सिलेंडर और चूल्हे दिए जाने का आदेश जारी होने से रसोईया और प्रधानाध्यापकों में खुशी है। राही ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय पूरे गोपाल मजरे भेला घुसेसी प्राथमिक पूर्व माध्यमिक विद्यालय खागीपुर सड़वा , खंनवा , कोडर ,जहानपुर , पूर्व माध्यमिक विधायलय गोंदवारा , भदोखर, कोचरिया, सूरज कुंडा, पूरे गोपाल सहित तमाम गांव में लकड़ी के चूल्हे से भोजन बनता है। रसोइयों का कहना है कि धुआं आंखों में लगता है।
खाना पकाते समय आंसू निकल आते हैं। डलमऊ क्षेत्र के पूरे गौतम प्राथमिक विद्यालय, पूर्व माध्यमिक विद्यालय खपरा ताल, पूरे गुलाब राय प्राथमिक विद्यालय में लकड़ियों से खाना बनता है। खाना बनाते समय रसोइयों की आंखों से आंसू निकलते हैं और कक्षाओं में धुआं भर जाता है। सरेनी ब्लॉक के रमईपुरकला, धनपालपुर में लकड़ी से खाना बनता है।रसोईया ने बताया कि 5 साल से चूल्हे में ही खाना बन रहा है। ऐसे तमाम स्कूल है जहां गैस कनेक्शन नहीं है।
हरचंदपुर ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय कंडोरा में 2010 से चूल्हे में खाना बन रहा है। यहां अस्थाई रसोईघर स्टाफ के सहयोग से बनाया गया है। प्राइमरी स्कूल हरचंदपुर प्रथम में चूल्हे पर खाना बनता है। हरचंदपुर कन्या क्रमोत्तर जूनियर हाईस्कूल में भी लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनता है।
शिवगण ब्लॉक के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूल बहुदा, बेडारू में तीनों स्कूलों तथा प्राथमिक विद्यालय ढोढ़वापुर, गंगखेड़ा में लकड़ियों से खाना बनता है। विद्यालय खंडवा प्राथमिक विद्यालय पूरे गुलाब सिंह प्यारे पुर के गांव के बाल केंद्रित आदर्श प्राथमिक विद्यालयों में लकड़ियों से चुल्हें में खाना बनता है। शिवगढ़ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय प्राथमिक स्कूल बलौदा बाजार में तीनों स्कूलों तथा प्राथमिक विद्यालय में लकड़ियों से खाना बनता है।
सिलेंडर और चूल्हा के लिए हर स्कूल को मिलेंगे 4204 रुपए- जिन स्कूलों में गैस कनेक्शन नहीं है, वहां 4204 रुपए का बजट दिया जाएगा। इस पैसे से गैस सिलेंडर गैस चूल्हा लिया जाना है।
जिन प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय में गैस सिलेंडर और चूल्हे नहीं है, उनका पूरा ब्यौरा पहले ही मध्यान भोजन प्राधिकरण को भेजा चुका है। धन की डिमांड की गई थी। अब तो शासन से भी स्वीकृत हो गई है, बजट मिलते ही तत्काल गैस कनेक्शन स्कूलों को दिला दिए जायेंगे। स्कूलो में गैस की व्वस्था हो जाने से अब बच्चों को भोजन मिलेगा, वहीं रसोइयों को भी सुविधा होगी।