पिछले तीन दिन में जिला अस्पताल में दो नवजात समेत सात लोगों की मौत बुखार और डायरिया की चपेट में आने से हो गई है। तीन दर्जन से अधिक रोगियों को भर्ती भी कराया गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में भी संक्रामक रोगों से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
मौसम के लगातार बदल रहे मिजाज और विभाग की अधूरी तैयारियों के कारण जिले में डायरियां और बुखार का कहर तेज हो गया है। अस्पतालों में पहुंचने वाले रोगियों में 70 फीसदी बुखार और डायरिया के रोगी है। जिला अस्पताल में पिछले तीन दिन में भर्ती कराए गए सात रोगियों की मौत हो चुकी है। इसमें दो नवजात भी शामिल हैं।
केसरिया सलीमपुर फुर्सत गंज की सकीना बानो के नवजात की हालत खराब होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। नवजात की इलाज के दौरान मौत हो गई। ऊंचाहार क्षेत्र के मदारीपुर गांव निवासी सुनीता के नवजात को भी गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन उसकी भी रविवार को मौत हो गई। महाराजगंज क्षेत्र के पहलू महू गांव निवासी संजू साहू पत्नी सीता राम को बुखार होने के कारण जिला अस्पताल लाया गया इलाज के दौरान संजू की मौत हो गई। बालापुर निवासी कुसुम की मौत भी बुखार से हो गई। उसे 16 सितंबर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया ,रविवार को उसकी मौत हो गई। सलोन क्षेत्र के हरबंशपुर गांव की आशिका पुत्री कमलेश को बुखार की चपेट में आने के बाद जिला अस्पताल लाया गया आशिकाना दम तोड़ दिया। हरचंदपुर क्षेत्र के कठवारा क्षेत्र निवासी आरती पत्नी टिंकू की भी बुखार की चपेट में आने से मौत हो गई। डलमऊ क्षेत्र के कान्हा गांव निवासी पप्पू पुत्र सुंदरलाल की डायरिया से मौत हो गई। उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। जिला अस्पताल में बुखार और डायरिया के तीन दर्जन से अधिक बच्चे रोगियों की को दर्जन से अधिक रोगियों को भर्ती कराया गया है।
ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में आने वाले रोगियों में बुखार डायरिया के रोगियों की संख्या अधिक है। साथ ही अस्पतालों में दवाओं की कमी के कारण लोगों को और भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का आरोप है कि सभी मर्जी में एक ही दवा दी जा रही है। इससे रोग तो सही नहीं होता लेकिन मरीज को और दिक्कत जरूर बढ़ जाती है।
सीएमओ डॉक्टर डी के सिंह ने बताया कि सीएचसी पीएचसी में दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था कराई जा रही है। सीएससी अधीक्षकों को क्षेत्रों पर नजर रखने के निर्देश दे दिए गए हैं,कहीं भी किसी भी प्रकार का बुखार और डायरिया के फैलने की सूचना मिलते ही जिले से तुरंत रिस्पांस देने टीम को गांव में भेजा जाता है।