डीसी एनआरएलएम पवन सिंह और इसके पहले जिला पंचायत अध्यक्ष भी महिला ही थी। इसी को देखकर आज जिले की समस्त महिलाओं राजनीति से लेकर सरकारी नौकरी और समाजसेवा तक में पुरुशोंसे किसी भी मामले में पीछे नही नहे रहेगें। इसी को देखते हुये रायबरेली में अब महिलायें कैन्टीन भी चलाईगीं।
रायबरेली में घरेलू झंझावतों से जूझ रही महिलाओं ने कभी सोचा भी नहीं था कि वे षहर में कैंटीन चलाएंगी। लेकिन राजीव गांधी महिला विकास परियोजना के सहारे जब वे खड़ी हुई तो एनआरएलएम योजना ने उन्हें षहर पहुंचा दिया। योजना के तहत हरिओम महिला सहायता समूह ने जिले की पहली कैंटीन विकास भवन परिसर में खोली। जिलाधिकारी संजय खत्री ने डीआरडीए भवन में खुली कैंटीन का षुभारंभ किया था।
एनआरएलएम योजना के तहत संचालित हरिओम महिला सहायता सुलखियापुर को विकास भवन स्थित डीआरडीए भवन में कैंटीन खोलने की जगह ही नहीं गई बल्कि संचालन के लिये पूर्व मुख्य विकास अधिकारी देवेंद्र सिंह ने उनका सहयोग भी किया था। जिलाधिकारी श्री खत्री, सीडीओ श्री पांडे ने फीता काटकर इसका शुभारंभ किया था। फीता कटते ही समूह की महिलाओं के चेहरे खिल गए थे। सचिव सीतापती ने कहा कि कभी सोचा भी नही था कि षहर जाकर कैंटीन चला पायेगें।
समूह की कोशाध्यक्ष राजरानी ने कहा कि षुरुआती दिनों में तो गांव में बैठक करना मुष्किल हो जाता था। समूह के 11 सदस्यों की मेहनत का परिणाम है कि आज हम लोग गांव से षहर पहुंच गए। शहर में एनआरएलएम योजना के सहयोग से कैंटीन खोली। महिलाओं के चेहरे की मुस्कान साफ कह रही थी कि आज उन लोगों ने वह मंजिल पा ली जिसके लिये वे संघर्श कर रही थी। महिलाओं ने अधिकारियों को मिठाई, पकौडी खिलाई साथ ही चाय भी पिलाई । सीडीओ ने दो हजार रुपये भी समूह की महिलाओं को दिए थे। वहीं डीसी एनआरएलएम पवन सिंह ने जिलाधिकारी से महिलाओं का परिचय कराया। इस मौके पर पीडी इंद्रसेन सिंह , डीसी मनरेगा अनिल सिंह , डीपीओ मनोज कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।