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१० लाख बारदाना ने रोका जिले के उपार्जन केंद्रों का मिलान

locationरायगढ़Published: May 16, 2022 07:34:40 pm

अब तक दर्जन भर समितियों का ही हो पाया मिलान

१० लाख बारदाना ने रोका जिले के उपार्जन केंद्रों का मिलान

कलेक्टोरेट कार्यालय

रायगढ़। धान खरीदी व उठाव की प्रक्रिया को पूरा हुए महिनों बीत गए हैं लेकिन बारदाना का हिसाब न होने के कारण उपार्जन केंद्रों का मिलान रूक गया है। अब तक महज दर्जन भर समितियों का ही मिलान हो पाया है शेष समितियों का मिलान नहीं हो पाया है।
समर्थन मूल्य के अंतिम दिनों में जहां बारदाना का अभाव बताया जा रहा था वहीं खरीदी व उठाव समाप्त होने के बाद १० लाख बारदाना निकल आया। अब इन बारदानों को राइसमिलरों का बारदाना दिखाते हुए मिलरों को जारी कर दिया गया है लेकिन मिलरों ने गुणवत्ताहिन इन बारदानों को अपना न होने की बात कहते हुए उठाव करने से इंकार कर दिया है। मिलरों द्वारा न तो इसका उठाव किया जा रहा है न ही इसका प्राप्ती वेबसाईट पर चढ़ाया जा रहा है जिसके कारण समितियों का हिसाब आधा-अधूरा है यही कारण है कि समितियों का मिलान रूका हुआ है। मिलर व समितियों के बीच बारदाने को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच मिलान का काम न हो पाने के कारण समितियों में शार्टेज व अन्य मामलों की जांच भी लटकी हुई है।
आखिर कहां से आया बारदाना
आश्चर्य की बात तो यह है कि अंतिम दिनों में जब समितियों में बारदाना न होने के कारण खरीदी बंद कर दिया गया था किसानो को दोगुने दामों में बारदाना खरीदना पड़ा था तो एकाएक खरीदी समाप्त होने के बाद इतनी अधिक मात्रा में बारदाना कहां से आया।
कैसे करेंगे तय
उपार्जन केंद्रों में तीन अलग-अलग बारदाना सप्लाई हुआ है, शासन स्तर पर नया बारदाना तो मिला ही था, इसके अलावा पीडीएस का बारदाना भी उपयोग किया गया है और राईसमिलरों से भी बारदाना लिया गया है। राईसमिलर ज्यादातर अपने डीओ के आधार पर बारदाना देते थे और धान का उठाव करते थे ऐसे में यह कैसें तय करेंगे कि उक्त बारदाना किसका है।
वर्सन
जिले के करीब १४३ समितियों में से दर्जन भर का ही मिलान हो पाया है। शेष समितियों का मिलान नहीं हो पाया है। बारदाने का मामला था, लेकिन मिलरों को जारी किया गया है।
एसके गुप्ता, डीएमओ मार्कफेड

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