धरमजयगढ़ वन मंडल के धरमजयगढ़ व छाल रेंज में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां छाल रेंज में करीब 50 हाथियों का दल पहले से मौजूद हैं, जो आसपास के गांवों में उत्पात मचा रहा है। वहीं अब धरमजयगढ़ रेंज के राजा जंगल में 54 हाथियों का दल आ धमका है। वन विभाग के अधिकारियों की माने तो इस दल में शामिल एक हथिनी ने हाथी शावक को जन्म दिया है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जब हथिनी शावक को जन्म देती है तो कम से कम तीन दिनों तक हाथियों का दल उसी स्थान पर रहता है। ऐसे में इस दल के तीन दिनों तक आगे बढऩे की संभावना नहीं है।
नजर आया हाथी तो बच्चे दौड़े सरपट, हुए घायल
बताया जा रहा है कि बीते शुक्रवार को खोरी गांव के तीन बच्चे राहुल, रतन और अर्जुन शाम को तालाब गए थे। इस दौरान जंगल से बाहर निकल कर एक हाथी खेत की फसल चौपट कर रहा था। इस समय बच्चों की नजर जब हाथी पर पड़ी तो सरपट भागने लगे। इससे रात में पडऩे वाले कटिले पेड़-पौधों से टकरा कर वे चोटिल भी हो गए। इसके बाद ग्रामीणों ने इस बात की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी। मामले की जानकारी मिलते ही वन अमला गांव पहुंचा और बच्चों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया है।
सिथरा की सड़क पर आए हाथी
उधर धरमजयगढ़ के ही छाल रेंज में थी हाथियों के द्वारा उत्पात मचाया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में करीब 50 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। बीते शुक्रवार की रात हाथियों का दल सिथरा के मुख्य मार्ग पर पहुंच गया था। इस बात की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मार्ग पर चलने वाले भारी वाहनों को रोकते सड़क पर हाथी होने की जानकारी दे रहे थे। वहीं बाइक चालकों को भारी वाहनों के पीछे भेजा जा रहा था।
-धरमजयगढ़ रेंज के राजा जंगल में एक हथिनी ने हाथी शावक को जन्म दिया है। इससे कम से कम तीन दिन तक हाथियों का दल वहां रूकता है। वन अमला ग्रामीणों को जंगल नहीं जाने की नसीहत दे रही है। तीन बच्चे एक हाथी को देखे जो खेत में पहुंचा था। डर से भगाने के कारण बच्चे घायल हो गए, उनका उपचार करवाया जा रहा है।
-बीआर सरोटे, एसडीओ, धरमजयगढ़ वन मंडल