पुलिस का कहना है कि फर्म मालिक द्वारा भी उपेक्षापूर्ण आचरण अपनाया गया है। उसके द्वारा श्रमिकों को सुरक्षा के कोई सामग्री उपलब्ध नहीं कराए गए थे, जिससे हादसा होने पर तीनों की जान ही चली गई। ऐसे में फर्म मालिक पर भी अपराध दर्ज किया जाएगा। ज्ञात हो कि भालूनारा गांव स्थित आरव इंटरप्राजेज में मजदूरी का काम करने वाले राजा रात्रे (35) पुरानी बस्ती खरसिया, सुजीत धुर्वे (22) अमरकंटक व जोबीराम मांझी (23) निवासी आकाश मार्ग जोबी (16) सितंबर की दोपहर करीब साढ़े 12 बजे प्लांट के अंदर खराब पड़े हैलोजन लाइट को बदल रहे थे। बताया जा रहा है कि उक्त लाइट कुछ दिन से बंद पड़ी थी। इसे बदलने के लिए मजदूरों को वहां के मुंशी राजेन्द्र कुमार यादव जोकि मदनपुर खरसिया का रहने वाला है उसी ने कहा था। ऐसे में मजदूर पोल को उखाड़ कर लाइट को बदलना चाह रहे थे। जैसे ही इन तीनों ने पोल को उखाड़ा पोल ऊपर से गुजरी 11 हजार केवी के विद्युत तार से टच हो गया। जिससे तीनों की मौत हो गई थी। इस संबंध में पुलिस का कहना है कि मृतकों के शव पीएम करा दिया गया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह तो तय है कि मुंशी और फर्म संचालक के खिलाफ अपराध दर्ज होगा।
क्या कहता है मुंशी
पुलिस ने जब मुंशी राजेन्द्र कुमार यादव से पूछताछ की तो मुंशी ने बताया कि उसने सामूहिक रूप से सभी मजदूरों से कहा था कि उक्त लाइट कुछ दिनों से जल नहीं रही है। उसे अपने स्तर से बना लो। उसका कहना है कि उसने व्यक्तिगत रूप से मरने वाले तीनों श्रमिकों को लाइट बदलने के लिए नहीं कहा था। इससे तो यही लग रहा है कि अगर मुंशी की बात मान कर तीन से अधिक लोग लाइट बदलने का काम करते तो शायद आज वो भी काल की गाल में समा गए होते।
यहां फंसेगा मामला
पुलिस ने बताया कि आरव इंटरप्राइजेज खरसिया के किरण देवी अग्रवाल के नाम से है। लेकिन उक्त प्लांट का देखरेख उसका बेटा विकास अग्रवाल करता है। अगर पुलिस फर्म मालिक पर अपराध दर्ज करे तो आखिर किस पर करे। कानून के हिसाब से तो सारी लिखापढ़ी किरण देवी के नाम पर है, लेकिन वह तो कभी प्लांट आती ही नहीं। ऐसे में पुलिस का कहना है कि उच्चाधिकारियों से चर्चा कर इसका हल निकाला जाएगा।