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प्रभावित किसान गांवों में मांगेंगे भीख और जलाएंगे अपने हल, पढि़ए खबर क्या है माजरा…

locationरायगढ़Published: Mar 19, 2018 12:51:09 pm

Submitted by:

Shiv Singh

किसानों ने बताया कि 20 मार्च से इनका यह आंदोलन शुरू होने वाला है।

प्रभावित किसान गांवों में मांगेंगे भीख और जलाएंगे अपने हल, पढि़ए खबर क्या है माजरा...
रायगढ़. एनटीपीसी लारा के प्रभावित किसानों की ओर से एक बार फिर से अनोखे आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी गई है। बकायदा इसकी सूचना संबंधित विभागों को भी दी जा चुकी है। किसानों ने बताया कि 20 मार्च से इनका यह आंदोलन शुरू होने वाला है। इस आंदोलन के तहत गांवों में भीख मांगा जाएगा और धरना प्रदर्शन के हर दिन किसान अपने कृषि औजार को जलाएंगे। जिसमें हल फावड़ा सहित अन्य औजार शामिल हैं।
प्रभावित किसानों ने बताया कि हम सभी एनटीपीसी लारा योजना के भू विस्थापित लोगों ने एकमत से निर्णय लिया है कि २० मार्च से आंदोलन करेंगे। इसके तहत पहले चरण में 10 बजे दिन से शाम के चार बजे तक धरना किया जाएगा। इसके बाद प्रभावित किसान व अन्य लोग आस-पास के गांव में आर्थिक सहयोग के लिए भीख मांगेंगे। इसके बाद क्रमिक भूख हड़ताल किया जाएगा।
प्रभावितों ने बताया कि इस आहूत आंदोलन के दरमियान संध्या कार्यक्रम में आंदोलन परिचर्चा, लालफीताशाही के विरुद्ध चलचित्रों का प्रदर्शन, कीर्तन कार्यक्रम आदि होगा जिसमें आंशिक रूप से आसपास के सैकड़ों लोगों की उपस्थित होंगे। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस कार्यक्रम में कृषि यंत्र जिसमें पुराने हल, पुराने कपड़े, पुरानी किसानी सामग्री आदि की होलिका भी क्रम से जलाई जाएगी।
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किस बात का गुस्सा
प्रभावित किसानों का आरोप है कि एनटीपीसी में उनकी जमीन चली गई है, उनके रोजगार के साधन खत्म हो गए हैं इसके बाद भी कंपनी की ओर से रोजगार नहीं दिया जा रहा है। आरोप यह भी लगाया जा रहा है कि जब भी रोजगार की मांग की जाती है तब कंपनी और प्रशासन की ओर से नया बखेड़ा खड़ा कर दिया जाता है। इसके कारण परेशान होकर प्रभावित किसानों ने कोर्ट का सहारा लिया है। पिछले छह से सात साल से इनकी हालत खराब है पर न तो कंपनी कुछ कर रही है और न ही प्रशासन कुछ कर रहा है। वहीं किसानों की हालत खराब है।

पहले भी अनोखे तरीके से कर चुके हैं विरोध
इससे पहले भी प्रभावित किसानों की ओर से जिले में लूंगी रैली निकाली जा चुकी है जिसमें अर्धनग्न अवस्था में किसानों ने अपने परेशानी लोगों के सामने रखी थी। आज भी उनकी समस्या वहीं की वहीं है जहां कई साल पहले थी। किसान इस मामले में जिला प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगा रहे हैं।

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