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जुर्डा में तालाब निर्माण की जांच के बाद अब लीपा-पोती की तैयारी

locationरायगढ़Published: Jul 02, 2022 06:13:12 pm

मूल्यांकन के बाद भुगतान हुए अधिक राशि के एवज में काम कराने की तैयारी

जुर्डा में तालाब निर्माण की जांच के बाद अब लीपा-पोती की तैयारी

निर्माणाधिन तालाब

रायगढ़। जुर्डा में कैंपा मद से निर्माणाधिन तालाब में ठेकेदार और नीचले स्तर के कर्मचारियों के किए धरे पर एक बार फिर से पर्दा डालने का प्रयास शुरू हो गया है। मूल्यांकन के बाद अब तक किसी पर कार्रवाई नहीं की गई है वहीं संबंधित ठेकेदार को हुए अधिक भुगतान के एवज में काम कराने की तैयारी चल रही है।
जुर्डा ग्राम से लगे वनक्षेत्र में जंगली जानवरों के लिए तालाब निर्माण गर्मी के पहले स्वीकृत कराया गया था। वन विभाग के तत्कालीन रेंजर, ठेकेदार व अन्य ने मिलकर करीब ५४ लाख रुपए के तालाब निर्माण का काम शुरू किया लेकिन जानबूझकर ऐसे स्थल का चयन किया गया जहां पहले से जल संचय योजना के तहत तालाब का निर्माण किया गया था यही नहीं इससे लगे क्षेत्र में वन विभाग ने पूर्व में डबरी का निर्माण कराया था। उक्त तालाब व डबरी के उपर तालाब का निर्माण कराने स्वीकृति कराते हुए निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया गया था। इस मामले के सामने आने के बाद डीएफओ स्टेयलों मंडावी ने जांच कराया। जांच में उक्त शिकायत सही मिली। जिसके बाद ठेकेदार को किए गए भुगतान व मौके पर हुए कार्य का आंकलन कराया गया इसमें भी कार्य से अधिक का भुगतान होने की पुष्टी हुई। मूल्यांकन व जांच रिपोर्ट आने के बाद भी अभी तक न तो तत्कालीन रेंजर पर कोई कार्रवाई किया गया है न ही जिम्मेदार अन्य लोगों पर। बल्कि अब इसमें ठेकेदार को किए गए अधिक भुगतान के एवज में मौके पर और काम कराकर मामले की लीपो-पोती करने की तैयारी की जा रही है।
दोबारा कराया गया था मूल्यांकन
५४ लाख के स्वीकृति के एवज में करीब ३८ लाख का भुगतान ठेकेदार को किया चुका था जबकि निर्माण कार्य इतने का नहीं हुआ था। रायपुर से आई मूल्यांकन टीम ने करीब १५ लाख के अतिरिक्त भुगतान होने की बात कही थी जिसके बाद वन मंडल ने इस मामले में जिला स्तर के अधिकारियों से दोबारा मूल्यांकन कराया था।
नेतनांगर डेम निर्माण की जांच अब तक शुरू नहीं
मुख्यालय से लगे नेतनांगर ग्राम में भी वन विभाग ने वर्ष २०२१ में कैंपा मद से डैम निर्माण की स्वीकृति दी है। समय सीमा खत्म होने के बाद भी निर्माण पूरा नहीं हुआ है साथ ही डेम निर्माण में भी तत्कालीन रेंजर व ठेकेदार ने मिलकर खानापूर्ति करने का खेल खेला है। इस मामले में पिछले दिनों डीएफओ ने एसडीओ को जांच के निर्देश दिए हैं लेकिन अब तक इस मामले में जांच शुरू नहीं की गई है।
वर्सन
जुर्डा में तालाब निर्माण मामले की जांच पूरी हो चुकी है। दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा, ठेकेदार को किए गए अतिरिक्त भुगतान के एवज में काम कराने कहा गया है।नेतनांगर स्थित डेम निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत पर जांच के निर्देश दिए गए हैं।
स्टेयलों मंडावी, डीएफओ रायगढ़

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