scriptAgriculture department is not able to encourage farmers for other crop | कृषि विभाग नहीं कर पा रहा अन्य फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित | Patrika News

कृषि विभाग नहीं कर पा रहा अन्य फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित

locationरायगढ़Published: Oct 17, 2023 09:10:18 pm

मूंग, उड़द व अन्य फसलों के रकबे में बढ़ोत्तरी नाम मात्र की

कृषि विभाग नहीं कर पा रहा अन्य फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित
मूंग, उड़द व अन्य फसलों के रकबे में बढ़ोत्तरी नाम मात्र की
रायगढ़। पिछले कई वर्षों से कृषि विभाग किसानों को अन्य फसलों के लिए प्रोत्साहित करने में लगा हुआ है, लेकिन यह दिखावा साबित हो रहा है, यही कारण है कि अन्य फसलों के रकबे में बढ़ोत्तरी नाम मात्र की नजर आ रही है। जिले में वर्ष २०१३-१४ में ६१ हजार किसानों ने १ लाख ६१ हजार हेक्टेयर का धान विक्रय के लिए पंजीयन कराया था, २०१७ -१८ में यह आकड़ा बढ़कर २ लाख १३ हजार ८१ हेक्टेयर पहुंच गया। २०२१-२१ में १ लाख ६६ हजार हेक्टेयर का पंजीयन हुआ और २०२२-२३ में १ लाख २१ हजार हेक्टेयर का पंजीयन हुआ, लेकिन गिरदावरी रिपोर्ट में धान के फसल का आकड़ा कम होता नहीं दिख रहा है। इस बार भी गिरदावरी रिपोर्ट में १ लाख ६३ हजार ९९६ हेक्टेयर में धान का फसल लगना बताया गया है। जिसमें सिंचित क्षेत्र में २९१७ हेक्टेयर तो असिंचित क्षेत्र में १ लाख ६१ हजार ५९ हेक्टेयर में धान का फसल लगना दिखाया गया है। जबकि कृषि विभाग के अधिकारी समय-समय पर किसानों को अन्य फसल के लिए प्रोत्साहित करने के नाम पर वाह-वाही बटोरते हुए दिखते हैं, लेकिन आकड़े तो कुछ और ही बयां कर रही है। इनके रकबे में भी नाम मात्र की बढ़ोत्तरी इस वर्ष गिरदावरी रिपोर्ट में उड़द, मूंग, दलहन, तिलहन व अन्य फसलों के रकबे को लेकर जब जानकारों से चर्चा किया गया तो उन्होने बताया कि पिछले कुछ वर्षो की तुलना में इन फसलों के रकबे में कुछ खास परिवर्तन नहीं है। कहां जाता है बीज अन्य फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के नाम पर किसानों को नि:शुल्क बीज वितरण किया जाता है, लेकिन उक्त बीज कहां जाता है यह लोगों के समझ से परे है। गिरदावरी में दर्ज फसलों का रकबा धान सिंचीत - २९१७.६८३७ हे. धान असिंचित - १,६१,०५९.०३८५ हे. उड़द - ७८४९.०१३ हे. मूंग - १९७.८९ हे. वर्सन फसल प्रोत्साहन योजना के तहत किसानों को समय-समय पर प्रोत्साहित किया जाता है, कई किसानों ने धान के बजाए अन्य फसल से अपना आय बढ़ाया है। धान के फसल का रकबा भी कम हो रहा है। अनिल वर्मा, उप संचालक कृषि
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