क्या कहता है बालक का पिता
बालक के पिता हरिशचन्द्र गुप्ता ने बताया कि वह अपने बच्चे को पिछले दो वर्षों से उसकी नानी के यहां टपरंगा में छोड़ कर अध्यापन करा रहा है और वह गेरवानी में अपना किराना दुकान संचालित करता है। इस घटना को हरिशचन्द्र किडनैपिंग (kidnapping ) बता रहा है, लेकिन वह इस बात से ताज्जुब है कि उसका टपरंगा, गेरवानी के अलावा कहीं भी किसी के साथ कोई दुश्मनी नहीं है। इसके बाद भी अज्ञात आरोपी उसके बेटे को क्यों किडनैप करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके घटना से नाबालिग के परिवार वाले भयभीत हैं। वहीं टपरंगा के ग्रामीणों में भी डर सा छा गया है।
असमंजस में थे आरोपी
बच्चे ने अपने परिजनों को बताया कि आरोपी उसे जबरदस्ती बाइक में बिठा तो लिए, लेकिन वे आपस में बातचीत कर रहे थे कि इसे कहां ले जाएंगे। एक आरोपी बच्चे को ले जाने के लिए सहमत था तो दूसरा मना कर रहा था। वहीं इधर बच्चा भी उछल कूद मचा रहा था। ऐसे में दोनों आरोपियों के बीच सामंजस्य नहीं बनी और वे बच्चे को रास्ते में ही छोड़ कर भाग निकले। बालक के अनुसार आरोपी जब बच्चे को छोड़े उस वक्त कह रहे थे कि बाद में इसे फिर से किडनैप कर लेंगे। ऐसे में पीडि़त परिजनों ने इसकी शिकायत थाने में की है।
झाड़ते रहे पल्ला
तमनार टीआई अभय सिंह बैस के निजी और शासकीय फोन नंबर पर कॉल किया गया तो उनका फोन नहीं लगा। वहीं इस संबंध में एक आरक्षक से बात की गई तो उसने शिकायत होने की बात बताते हुए मामले की जांच एएसआई फुलंजेंस तिर्की के द्वारा किए जाने की बात कही। एएसआई तिर्की से संपर्क करने पर उन्होंने कहा मुझे इसकी जानकारी नहीं है।