कलेक्टर को चार बार दे चुका है आवेदन
पीडि़त ने बताया कि उसके पास अपने घर का सारा कागजात है। वहीं अपने हक के घर को पाने के लिए वह चार बार रायगढ़ आकर कलेक्टर को आवेदन दे चुका है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। पीडि़त के अनुसार यहां तक कि उसने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व मंत्री उमेश पटेल को भी आवेदन देकर अपने घर को कब्जा मुक्त कराने की गुहार लगा चुका है, लेकिन शासन और प्रशासन हमारा कार्यक्षेत्र नहीं है कह कर आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। मजबूर होकर उसने आत्मदाह का फैसला लिया है।
मौके पर मच गया था हड़कंप
सुबह के समय कलेक्टोरेट में सैकड़ों की संख्या में अधिकारी-कर्मचारी, आम आदमी व फरियादियों का आना-जाना लगा रहता है। उस वक्त जब सतीश लकड़ी की चिता सजा रहा था, तब सब उसे आश्चर्य चकित होकर देख रहे थे कि आखिर माजरा क्या है। इसके बाद वह जब कहने लगा कि यह लकड़ी की चिता है और उस पर बैठ गया तब लोगों को लगा कि यह कोई अनहोनी घटना को अंजाम देने वाला है। इसके बाद तो मौके पर हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। जैसे ही वह खुद को आग के हवाले करता ऐन वक्त पर पुलिस पहुंच गई।
पूरी तैयारी में आया था पीडि़त
मिली जानकारी के अनुसार पीडि़त सतीश अग्रवाल आत्मदाह करने के लिए पूरी तैयारी के साथ आया था। वह अपने पास थैला में पेट्रोल और मिट्टी तेल भी रखा था। जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। पीडि़त की मानें तो इस बार अगर उसकी सुनवाई नहीं हुई तो उसकी मौत का जिम्मेदार शासन और प्रशासन होंगे।