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घर को कब्जा मुक्त कराने कलेक्टोरेट के सामने चिता सजाकर आत्मदाह करने बैठ गया युवक, मचा हड़कंप

locationरायगढ़Published: Feb 13, 2020 09:23:09 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया, पीडि़त परिजन मकान से कब्जा खाली कराने हो गए हैं परेशान

घर को कब्जा मुक्त कराने कलेक्टोरेट के सामने चिता सजाकर आत्मदाह करने बैठ गया युवक, मचा हड़कंप

घर को कब्जा मुक्त कराने कलेक्टोरेट के सामने चिता सजाकर आत्मदाह करने बैठ गया युवक, मचा हड़कंप

रायगढ़. गुरुवार की सुबह कलेक्टोरेट के सामने उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक युवक अपने घर को कब्जा मुक्त कराने के लिए लकड़ी की चिता सजाकर उसमें बैठ गया। वहीं कब्जाधारी द्वारा मकान नहीं खाली करने पर खुद को आग के हवाले करने की धमकी देने लगा। इसकी सूचना मिलते ही चक्रधर नगर पुलिस मौके पर पहुंची और पीडि़त को हिरासत में लेकर थाने ले आई।
मिली जानकारी के अनुसार पीडि़त सतीश अग्रवाल मालखरौदा जांजगीर-चांपा का रहने वाला है। उसकी बहन और बहनोई संजय अग्रवाल का खरसिया में जानकी धर्मशाला के पास मकान है। युवक ने आरोप लगाया कि उक्त मकान पर खरसिया का ज्वेलर्स व्यापारी विजय सराफ नामक व्यक्ति सालों से कब्जा कर रखा है। न तो वह मकान खाली कर रहा है और न ही किराया दे रहा है। इससे पीडि़त परिजन मकान से कब्जा खाली कराने दर-दर की ठोकर खाते हुए परेशान हो गए हैं। इसी क्रम में 13 फरवरी की सुबह सतीश अग्रवाल ट्रेन से रायगढ़ आया और सुबह करीब 11 बजे कलेक्टोरेट के सामने लकड़ी की चिता सजाकर उसमें बैठ गया। वहीं आने-जाने वाले लोगों से चींख-चींख कर अपने घर से कब्जा नहीं हटाने पर खुद को आग के हवाले करने की धमकी देने लगा। इसी बीच किसी ने घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही चक्रधर नगर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और पीडि़त को लेकर थाने ले गई। जहां उसे थाने में रखा गया है।
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कलेक्टर को चार बार दे चुका है आवेदन
पीडि़त ने बताया कि उसके पास अपने घर का सारा कागजात है। वहीं अपने हक के घर को पाने के लिए वह चार बार रायगढ़ आकर कलेक्टर को आवेदन दे चुका है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। पीडि़त के अनुसार यहां तक कि उसने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व मंत्री उमेश पटेल को भी आवेदन देकर अपने घर को कब्जा मुक्त कराने की गुहार लगा चुका है, लेकिन शासन और प्रशासन हमारा कार्यक्षेत्र नहीं है कह कर आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। मजबूर होकर उसने आत्मदाह का फैसला लिया है।

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मौके पर मच गया था हड़कंप
सुबह के समय कलेक्टोरेट में सैकड़ों की संख्या में अधिकारी-कर्मचारी, आम आदमी व फरियादियों का आना-जाना लगा रहता है। उस वक्त जब सतीश लकड़ी की चिता सजा रहा था, तब सब उसे आश्चर्य चकित होकर देख रहे थे कि आखिर माजरा क्या है। इसके बाद वह जब कहने लगा कि यह लकड़ी की चिता है और उस पर बैठ गया तब लोगों को लगा कि यह कोई अनहोनी घटना को अंजाम देने वाला है। इसके बाद तो मौके पर हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। जैसे ही वह खुद को आग के हवाले करता ऐन वक्त पर पुलिस पहुंच गई।

पूरी तैयारी में आया था पीडि़त
मिली जानकारी के अनुसार पीडि़त सतीश अग्रवाल आत्मदाह करने के लिए पूरी तैयारी के साथ आया था। वह अपने पास थैला में पेट्रोल और मिट्टी तेल भी रखा था। जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। पीडि़त की मानें तो इस बार अगर उसकी सुनवाई नहीं हुई तो उसकी मौत का जिम्मेदार शासन और प्रशासन होंगे।

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