रेरा कमेटी को गठित हुए करीब साल भर होने को आ गया है बिना पंजीयन प्लाटिंग व कालोनी बनाने व उपभोक्ताओं को लुभावने सपने दिखाकर मनमानी करने वाले कालोनाइजरों के खिलाफ नियंत्रण के लिए उक्त कमेटी का गठन किया गया है। उक्त कमेटी का गठन होने के बाद लोगों को इस बात की उम्मीद थी कि कम से कम कालोनाइजर अब मनमानी कर रहे हैं लेकिन अब तो कालोनाइजर रेरा में पंजीयन भी नहीं करा रहे हैं।
कमेटी ने पंजीयन के लिए चार बार तिथी बढ़ाई है लेकिन चारों बार एक से दो कालोनाइजर ही पंजीयन कराए। लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि अभी तक जिला स्तर पर कालोनाइजरों पर मॉनिटरींग के लिए किसी को जिम्मा नहीं दिया गया है जिसके कारण शहर व ग्रामीण क्षेत्र में बिना पंजीयन के प्लाटिंग व कालोनी बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जांच हो सके। सिर्फ यह आदेश जारी किया जा रहा है कि किसी के द्वारा शिकायत के बाद जब कमेटी के संज्ञान में इस तरह के मामले आते हैं तो उसमें जुर्माना किया जाएगा। इसका सीधा बतलब है कि कमेटी लोगों के शिकायत करने के बाद ही कार्रवाई करेगी।
किसी के पास नहीं है जानकारी
रेरा का मुख्यालय रायपुर है लेकिन जिला स्तर पर गौर किया जाए तो रेरा में कितने कालोनाइजरों ने अब तक पंजीयन कराया है और कितनो ने पंजीयन नहीं कराया है इस बात की जानकारी न तो नगरीय निकायों में है न ही नगर एवं ग्राम निवेश व तहसील कार्यालय में।
आठ दिन शेष है अल्टीमेटम को
पंजीयन कराने के लिए पूर्व में बढ़ाए गए तिथी पर गौर किया जाए तो 8 दिन शेष बचे हैं। आठ दिन बाद जो कालोनाइजर स्वतरू पंजीयन के लिए आता है उसको चार गुना जुर्माना का प्रावधान है वहीं कमेटी के संज्ञान में आने पर 59 के तहत पृथक से कार्रवाई करने की बात कही गई है।
-हमारे पास रेरा में पंजीकृत कालोनी व अपंजीकृत कालोनी की कोई जानकारी नहीं है। न ही हमको अपंजीकृत कालोनियों की जांच के लिए कोई आदेश मिला है- भागवत जायसवाल, एसडीएम रायगढ़