शहरी क्षेत्र में नगर निगम के द्वारा करीब सात हजार शौचालय निर्माण करवाया गया है। वहीं इस शौचालय निर्माण के नाम पर करीब 10 करोड़ रुपए का भुगतान भी ठेकेदारों को किया गया है। स्वच्छता अभियान के तहत चलाए गए शासन की इस योजना के अनुसार एक तो निगम के द्वारा हितग्राहियों के यहां शौचालय निर्माण करवाया जाना था। वहीं दूसरा हितग्राही यदि चाहे तो स्वयं शौचालय का निर्माण करा सकता है। इसमें शौचालय निर्माण के साथ ही किश्तों में राशि जारी किए जाने का प्रावधान भी है।
ठेकेदारों के द्वारा शौचालय निर्माण के नाम पर आ रही लगातार शिकायत को देखते हुए वार्ड क्रमांक २१ की निवासी हेमलता राठौर के द्वारा स्वयं शौचालय निर्माण करने की इच्छा जाहिर की और निगम में आवेदन करते हुए स्वयं निर्माण शुरू करवाया गया। नियमानुसार गड्ढा खोदाई के साथ ही पहली किश्त जारी किया जाना था, लेकिन नहीं किया गया। इंजीनियरों के द्वारा यह कहा गया कि निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ते रहे उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा। निगम अधिकारियों के इस आश्वासन पर हितग्राही ने पूरा शौचालय का निर्माण करवा लिया, लेकिन निर्माण पूरा होने के बाद भी भुगतान नहीं हो सका।
सत्यापन कर लूट ली वाहवाही
हितग्राही की मानें तो शौचालय निर्माण पूरा होने के बाद इस बात की जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को दी गई। वहीं जानकारी मिलने के तत्काल बाद नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और शौचालय का सत्यापन किया। इसके बाद शौचालय निर्माण की फोटोग्राफी भी की गई। इस फोटोग्राफी के माध्यम से शौचालय निर्माण में एक और कड़ी जोडऩे के नाम पर वाहवाही भी लूटी गई।
अब काट रहे चक्कर
सत्यापन के दौरान भी हितग्राही के द्वारा उक्त निर्माण की राशि के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की गई, लेकिन फिर से उन्हें आश्वासन ही दिया गया, लेकिन राशि नहीं दी गई। ऐसे में हितग्राही नगर निगम दफ्तर भी पहुंचा। जहां उच्चाधिकारियों से संपर्क करते हुए शौचालय निर्माण की राशि दिलाए जाने की मांग की गई, लेकिन राशि नहीं मिल सकी।
थक हार कर पहुंचा कलेक्टोरेट
नगर निगम दफ्तर का कई चक्कर लगाने के बाद भी हितग्राही को शौचालय निर्माण की राशि नहीं मिल सकी। वहीं जब वे अधिकारियों के पास जाता तो हितग्राही के साथ टाल मटोल का व्यवहार किया जाता। इससे वह परेशान हो गया। वहीं थक हार कर इस बात की शिकायत लेकर कलेक्टोरेट पहुंचा। जहां कलेक्टर से इस बात की शिकायत करते हुए शौचालय निर्माण की राशि दिलवाए जाने की मांग की है।