Video- लापरवाही से लटका भुजबंधान तालाब का जीर्णोद्धार, सूडा से आए पत्र के माह भर बाद भी नहीं दिया गया कोई जबाव
- 15 मोहल्ले निस्तारी के लिए आश्रित
रायगढ़. जिला प्रशासन व नगर निगम की लापरवाही का दंश शहर के तालाब लंबे समय से झेल रहे हैं। इन तालाबों को संवारने के लिए निगम प्लान तो कई तैयार करता है, लेकिन उस पर अमल करने के लिए वह हमेशा फंड का रोना रोता है। इसी कड़ी में भुजबंधान तालाब के जीर्णोद्धार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सूडा ने पत्र जारी किया था, तब भी निगम के अधिकारियों ने इसमें लापरवाही बरती। हालत यह है कि इस पत्र आए महीने भर से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन निगम की ओर से इसके लिए कोई जवाब नहीं भेजा गया। ऐसे में इस तालाब का भी जीर्णोद्धार भी लटका हुआ है।
अन्य तालाबों की भांति शहर का भुजबंधन तालाब लंबे समय से उपेक्षित है। इसका जीर्णोद्धार जिंदल कंपनी के सीएसआर मद से कराया जाना था, लेकिन बीते चार से पांच वर्षों में भी तालाब के जीर्णोद्धार का काम पूरा नहीं कराया जा सका है। ऐसे में क्षेत्र के पार्षद अशोक यादव, शाखा यादव व दिनेश शर्मा के द्वारा तालाब का जीर्णोद्धार कराने के लिए कलेक्टर अलरमेल मंगई डी को पत्र सौंपा गया था। बताया जा रहा है कि सीएसआर मद से काम नहीं होने की स्थिति में कलक्टर के द्वारा तालाब को जीर्णोद्धार कराने राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) को प्रस्ताव भेजा गया। सूडा के द्वारा एक माह पहले ही नगर निगम को पत्र भेजते हुए संबंतिध तालाब में इससे पहले जीर्णोद्धार के लिए राशि स्वीकृत होने अथवा नहीं होने की जानकारी मांगी गई, लेकिन निगम के द्वारा अब तक यह जानकारी सूडा को नहीं भेजी जा सकी है। इससे इस तालाब का जीर्णोद्धार लटका हुआ है।

तीन वार्ड के लोगों को मिलेगा लाभ
शहर का भुजबंधान तालाब वार्ड क्रमांक 2, 15 व 16 के बीच में है। ऐसे में इन तीन वार्डों के करीब दर्जन भर से अधिक मोहल्लों के लोग यहां निस्तारी का लाभ ले पाएंगे। गर्मी के दिनों में तालाब सूख जाने से लोगों के समक्ष निस्तारी की समस्या खड़ी हो जाती है। ऐसे में क्षेत्र के लोग लंबे समय से इस तालाब का जीर्णोद्धार कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन न तो यह सीएसआर मद से हो सका और ना ही निगम के सरोवर धरोवर योजना से इसका जीर्णोद्धार कराया जा सका है।
पांच साल पहले हुई थी स्वीकृति
शहर के इस तालाब का क्षेत्रफल काफी बड़ा था। विभागीय सूत्रों की माने तो पांच साल पहले करीब 14 लाख रुपए की स्वीकृति इसके लिए मिली थी। स्वीकृत राशि से तालाब में पिचिंग का कार्य कराया गया। वहीं तालाब के दूसरे क्षेत्र से आ रहे गंदे पानी को रोकने के लिए तालाब के कुछ हिस्से को अलग करते हुए मेड़ बनाया गया। इसमें यह राशि समाप्त हो गई। तब से तीन बार इस तालाब का जीर्णोद्धार करने के लिए जिंदल कंपनी को दिया गया थाए लेकिन जीर्णोद्धार नहीं हो सका।
- तालाब की दशा सुधारने लंबे समय से प्रयास किया जा रहा है। इस तालाब का जीर्णोद्धार सूडा के माध्यम से किया जाना है। तालाब को व्यस्थित किए जाने से आसपास का जल स्तर को बढ़ेगा, वहीं इसका लाभ भी क्षेत्र के लोगों को मिलेगा- शाखा यादव, पार्षद
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