रायगढ़

देर रात जंजीरों में बंध जाते हैं थाने, कंबल तान कर सो जाते हैं जवान, बंद दरवाजा देख लौटने को मजबूर हैं लोग

दिखा चौका देने वाला सच, थाने व चौकी का बंद दरवाजा देखकर बिना सहायता लौट रहे फरियादी, एसपी ने कहा किया जाएगा सुधारशहर में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। हर रात चीरी की वारदातें हो रही हैं। इस सब के बीच भी हमारी पुलिस चैन की नींद सो ले रही है। जब पत्रिका की टीम ने शहर के थानों में पुलिस की मुस्तैदी का जायजा लिया, तो हैरान कर देने वाली तस्वीरें सामने आईं। सभी थानों और चौकियों में पुलिसकर्मी चैन की नींद सोते मिले। कोतवाली थाना, कोतरारोड थाना और चक्रधर नगर थाना सहित जूटमिल चौकी का गेट जनता के लिए बंद था। थाने के गेट जंजीरों में जकड़े थे। अंदर ड्यूटी पर तैनात पुलिस कंबल तान को सो रही थी। आइए आपको भी बताते हैं कि मंगलवार तडक़े यानि बृह्म मुहूर्त में सुबह चार से पांच बजे तक थानों और चौकी में क्या हाल देखने को मिला।

रायगढ़Jan 23, 2019 / 12:42 pm

Shiv Singh

देर रात जंजीरों में बंध जाते हैं थाने, कंबल तान कर सो जाते हैं जवान, बंद दरवाजा देख लौटने को मजबूर हैं लोग

रायगढ़. अरे क्या हुआ, इतने बजे क्यों आए हो, मोबाइल चोरी हो गया है तो सुबह आना अभी हमारे सोने का समय है। ये कहना था चार बजे भोर में कोतवाली पुलिस का जब एक मोबाइल चोरी की शिकायत दर्ज कराने कुछ पीडि़त थाने पहुंचे। इस दौरान सुबह ४ बजे पीडि़तों ने जब पत्रिका की टीम को देखा तो आपत्ती जताई की देखों साहब पुलिस सोने में मशगूल है। हम मोबाइल चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने आए हैं तो हमें भगाया जा रहा है। पुलिस वाले कह रहे हैं नींद खराब कर दिए। अभी रिपोर्ट लिखना तो दूर शिकायत का आवेदन तक लेने से मना कर रहे हैं।
लोगों का कहना है कि यदि पुलिस इसी तरह ड्यूटी के समय चैन की नींद सोएगी तो आम लोगों को जागकर रात बितानी पड़ेगी। इसके बाद जब टीम जूटमिल चौकी पहुंची तो वहां भी सन्नाटा पसरा था। एक पुलिस वाला अपनी स्कूटी कहीं जाने के लिए निकाल रहा था। मुंशी ने इतनी देर आने का कारण पूछा तो बताया गया कि शिकायत करना है। उसने यह तक नहीं पूछा कि किस चीज की शिकायत क्या हो गया। उसने दू-टूक शब्दों में कहा कि अभी तो सभी लोग सो रहे हैं।
कोई दरवाजा ही नहीं खोलेगा। दिन में आना, तभी शिकायत लिखी जाएगी। इतना ही नहीं उसने रात में इस तरह मत घूमा करो की चेतावनी भी दी और फिर स्कूटी स्टार्ट कर चला गया। इसके बाद जब चौकी के अंदर गए तो देखा कि गेट में एक रख दिया गया था और चौकी में लगा लोहे का गेट अंदर से बंद था। इससे साफ है कि अंदर ड्यूटी पर तैनात जवाब चैन की नींद सो रहे हैं।

बाहर ताला, अंदर कंबल ओढ़े सो रहा पुलिसवाला
हालात : सुबह ४.४६ बजे थाना कोतवाली के बाहर वाहन खड़े थे। पूरे थाना परिसर में बीरानी छाई हुई थी। थाने के सामने बरामदे में रखी गईं सभी कुर्सियां व टेबल खाली पड़े थे। अन्दर हवालात जाने वाला मुख्य दरवाजा मोटी जंजीरों से जकड़ा हुआ था और उसमें ताला लगा हुआ था। दरवाजे के टूटे कांच से देखा तो अंदर ड्यूटी में तैनात पुलिस के जवान कंबल तानकर चैन की नींद सो रहे थे। जबकि पुलिस को हर समय चौकन्ना होकर ड्यूटी करना है। इस तरह ड्यूटी करने से लोगों के घर व दुकाने तो दूर थाना भी चोरों से सुरक्षित नहीं रह पाएगा।

गेट में लगी थी जंजीर, खोलने पर हुई आवाज तो नींद से जाग गए जवान
हालात : सुबह ४.०७ बजे थाना कोतरारोड के बाहर लगा चैनल बंद था। उसे एक पतली जंजीर से बांधा गया था, जिससे यदि कोई जंजीर खोलकर थाने के अंदर घुसे तो पता चल जाए। हुआ भी ऐसा ही। जब पत्रिका की टीम जंजीर खोलकर अंदर गई तो वहां मुंशी और एक जवान सो रहे थे। आहट से मुंशी और अन्य पुलिस के जवान की नींद खुल गई। उन्होंने परिचय पूछा तो पत्रिका से होना बताया गया। इसके बाद मुंशी ने नाम नंबर भी लिया। पूछने पर मुंशी ने बताया कि क्या करें, कुछ काम नहीं है तो गेट बंद करके सो जाते हैं। कोई पीडि़त या शिकायत दर्ज कराने आता है तो उसकी शिकायत दर्ज की जाती है। ड्यूटी के दौरा सोना गलत है इस सवाल पर मुंशी ने कहा कि पूरी रात करें भी क्या, इससे लेट कर आराम ही कर लेते हैं।

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