तालियों की गडग़ड़ाहट से किया अभिवादन
इस कार्यक्रम को लखनऊ से पहुंचे कलाकार राजेश सिंह व अजय पांडेय के द्वारा प्रस्तुत किया गया। इन कलाकारों के मंच पर पहुंचते ही दर्शकों ने उनका अभिवादन तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ किया, जैसे माने वो देर रात उन्हें सुनने के लिए बैठे हैं। श्रोताओं के इस उत्साह को देखते हुए कलाकारों ने बेहतरीन नगमें प्रस्तुत किए, जिसका श्रोताओं ने भी भरपूर आनंद लिया। देर रात तक चक्रधर समारोह की तीसरी संध्या में श्रोता गजल का लुत्फ उठाते रहे।
संगीत का कोई घराना नहीं होता है : पं. छन्नूलाल मिश्र
रायगढ़. संगीत साधना है ईश्वर की अराधना है इसका कोई घराना नहीं होता है, अपनी गलतियों को छिपाने के लिए घराना का नाम दे दिया जाता है। उक्त बातें प्रेस वार्ता के दौरान शास्त्रीय गायन करने वाले पद्मभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र ने कही।
चक्रधर समारोह में शिरकत करने के लिए आए बनारस के आजमगढ़ जिले में हरिहरपुर के रहने वाले पद्मभूषण पंडित छन्नुलाल मिश्र ने प्रेस से चर्चा के दौरान घराने को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं किसी घराने को नहीं मानता हूं। संगीत का कोई घराना नहीं होता है यह तो ईश्वर की अराधना है। अगर घराना का नाम देना ही है तो वहां का नाम दिया जाए जहां से संगीत पैदा हुई है।
कॉलेजों में शुरू होना चाहिए क्लास
ठुमरी व शास्त्रीय संगीत को कॉलेजों में भी शामिल करना चाहिए इसके लिए क्लास लगाना चाहिए, लेकिन सरकार नहीं कर रही है। इसके लिए प्रयास करने की जरूरत है ताकि शास्त्रीय संगीत का बेहतर ज्ञान लोगों को मिल सके। सरकार शास्त्रीय संगीत पर ध्यान नहीं देती है जिसके कारण यह स्थिति है।
दिली इच्छा थी समारोह में कार्यक्रम देना : पद्मश्री पवार
रायगढ़. चक्रधर समारोह का बहुत नाम सुना था। ऐसे में इस मंच पर कार्यक्रम देने की दिली इच्छा थी, यह इच्छा अब जाकर पूरी हुई है। यह बातें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कथक नर्तक प्रताप पवार ने कही प्रताप पवार चक्रधर समारोह की तीसरी संख्या कार्यक्रम प्रस्तुत करने शहर पहुंचे थे। इस दौरान कार्यक्रम से पूर्व उनकी प्रेस वार्ता जिंदल रेस्ट हाउस में आयोजित की गई थी प्रेस वार्ता के दौरान कथक नर्तक प्रताप पवार ने नए कलाकारों को संदेश देते हुए कहा कि कथक के पारंपारिक डांस से छेड़छाड़ नहीं किया जाना चाहिए। कथक के मूल स्वरूप पर ही नृत्य करना चाहिए। वही कहा कि तालियां कथक का वरदान है अच्छा होने पर जरूर मिलेगा।
समारोह में एक बार और आने की इच्छा
प्रेस वार्ता के दौरान कथक नर्तक प्रताप पवार का कहना था कि चक्रधर समारोह में कई कलाकार होने की वजह से टाइम लिमिट रहती है। ऐसे में उन्हे निर्धारित समय दिया गया है जो उनके परफ ारमेंस के लिहाज से काफ ी कम है। इस बात को लेकर वे दूसरी बार भी इसी मंच पर आने की इच्छा जताई।