विधानसभा चुनाव अपने शबाब पर आ चुकी है। मतदान के लिए अब चार दिन ही शेष है। इस समय भाजपा बागियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। भाजपा ने पहली कार्रवाई पूर्व विधायक विजय अग्रवाल पर की। पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। विजय अग्रवाल भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज होते हुए निर्दलीय चुनाव लडऩे की घोषणा की। वहीं जिस दिन उन्होंने निर्दलीय चुनाव लडऩे की घोषणा की। उसके एक दिन पहले ही जिला भाजपा अध्यक्ष व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। वहीं इसके करीब एक सप्ताह बाद भाजपा से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी विजय अग्रवाल का साथ देने वाले पार्षद कौशलेष मिश्रा, अरुण देवांगन, मुक्ति नाथ, लक्ष्मण महिलाने, अशोक यादव व दिबेश सोलंकी को निष्कासित कर दिया।
खास बात यह है कि जिस तरह विजय अग्रवाल ने पार्टी को अपना इस्तीफा भेज दिया था। उसी तरह इन पार्षदों ने भी पार्टी को इस्तीफा भेजा। पार्टी से इस्तीफा देने के बाद किए जाने वाले इस कार्रवाई को लेकर पार्टी की ही किरकिरी हो रही है। पार्षदों पर निष्कासन की कार्रवाई करने के मामले में पार्षदों का कहना है कि पार्टी की स्थिति खराब हो चुकी है। इसकी वजह से यह कार्रवाई कर रही है। इसके अलावा सरिया मंडल महामंत्री कैलाश पंडा व किसानो मोर्चा के अध्यक्ष मनोज प्रधान को भी निष्कासित किया गया है।
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इस मामले को लेकर भाजपा के जिला अध्यक्ष जवाहर नायक से बात की गई। वहीं पार्टी के इस्तीफा के बाद निष्कासन के मामले में जब पूछा गया तो उन्होंने पहले तो यह बात पुरानी होने का हवाला दिया। वहीं जब उनसे यह पूछा गया कि कितने लोगों को निष्कासित किया गया है तब उनका कहना था कि वे पार्टी कार्यालय से इसकी जानकारी ले ले।
-भाजपा पार्टी को पहले ही इस्तीफा दिया जा चुका है। इसके बाद यह कार्रवाई कर रही है। जब हम पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं फिर कार्रवाई का औचित्य ही नहीं बनता- कौशलेष मिश्रा, पार्षद